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Swami Vivekananda Jayanti: नरेंद्रनाथ दत्त से स्वामी विवेकानंद बनने की पूरी कहानी, शिकागो में दिया था ऐतिहासिक भाषण

Swami Vivekananda Jayanti: स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदिन भारत में युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. नरेंद्रनाथ दत्त से बने स्वामी विवेकानंद ने हिंदू धर्म को विश्वभर में प्रसार किया. उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 1984 में स्वामी विवेकानदं के जन्मदिन को युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. स्वामी विवेकानंद के द्वारा अमेरिका में दिये गये भाषण को तो आज भी शायद कोई भूला होगा.

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राष्ट्रीय युवा दिवस
  • January 12, 2018 8:12 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. देश में हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये दिवस स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. भारत सरकार ने 1984 में युवा जंयती मनाने का ऐलान किया था. तभी से देशभर में स्वामी विवेकानन्द जी का जन्मदिन यूथ डे के रूप में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानन्द अध्यात्मिक गुरु थे जिन्हें देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी जाना जाता है. स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार किया. साथ ही विवेकानंद ने सैकड़ों सार्वजनिक और निजी व्याख्यानों का आयोजन किया. स्वामी विवेकानंद ने हिंदू धर्म को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई.

स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था. जिनका जन्म 1863 को कलकत्ता में एक कायस्थ परिवार में हुआ. विवेकानंद उस समय एक समृद्ध परिवार में जन्मे. विवेकानंद के पिता हाईकोर्ट में वकील थे. उनकी मां भुनवेश्वरी देवी गृहणि थीं. विवेकानंद ने अपने परिवार और सुख सुविधाओं को छोड़कर 25 साल की उम्र में सन्यास ले लिया था. जानकारों की माने तो विवेकानंद शुरू से ही नटखट और बुद्धिवान थे. विवेकानंद अपने गुरु रामकृष्ण से काफी प्रभावित थे जिनसे उन्होंने अध्यात्म और शिक्षा की प्राप्ति की. उनका ही दिया वचन था कि सारे जीव स्वयं परमात्मा का ही एक अवतार है, इसीलिये जो भी मानव जाति की सेवा करेगा वो ईश्वर की सेवा करेगा. विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण की मृत्यु के बाद उन्होंने विश्वभर की यात्रा की और अपने उपदेश दिये.

स्वामी विवेकानंद के द्वारा अमेरिका में दिये गये भाषण को तो आज भी शायद कोई भूला होगा. विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 को शिकागो (अमेरिका) में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में एक बेहद चर्चित भाषण दिया था. स्वामी विवेकानंद ने भाषण की शुरुआत अमेरिकियों को अमेरिकी भाई और बहन करके किया था, उनके इस शब्द से ही पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था.

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