नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी से महासचिव के पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा प्रमुख अखिलेश यादव में तकरार बढ़ गई है। मौर्य ने इस्तीफा देने के बाद अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है […]
नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी से महासचिव के पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा प्रमुख अखिलेश यादव में तकरार बढ़ गई है। मौर्य ने इस्तीफा देने के बाद अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सपा पार्टी की केंद्र और राज्य दोनों जगह सरकार है और वो मुझे लाभ दे रहे हैं। मौर्य ने कहा कि मैंने हमेशा पद को छोड़ा है। सत्ता में रहते हुए भी मैंने भाजपा को छोड़ दिया था। विचारों के सामने पद मायने नहीं रखता है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा सांसद और अखिलेश यादव के चाचा रामगोपाल यादव पर बरसे। उन्होंने कहा कि उनकी भाषा में ना तो सम्मान है और ना बातचीत का सलीका है। उन्होंने कहा कि रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी के हितेषी हैं या दुश्मन अभी तक कोई समझ नहीं पाया। नई पार्टा के गठन के बाद उन्होंने कहा कि मैं 22 तारीख को दिल्ली में रहूंगा। वहीं पर बैठक के बाद फैसला लूंगा। वहीं कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर अवसर मिलेगा तो जरुर जाऊंगा।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि दलितों औप पिछड़ो की लड़ाई हमेशा लड़ते रहेंगे। अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर में 85 और 15 का विरोध तभी कर दिया था जब उन्होंने परशुराम की मूर्ति लगाकर फरसा लहराया था। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सॉफ्ट हिंदुत्व पैदा करना चाहते हैं और उसी की राह पर चलना चाहते हैं। खुद को सॉफ्ट हिंदु बताने में लगे हैं। उन्होंने भाजपा में शामिल होने के सवाल पर कहा कि किसानों ,महिलाओं और मजदूरों की लड़ाई लड़ता रहूंगा। स्वामी प्रसाद मौर्य जिसको ठुकरा देता है उससे कभी दोस्ती नहीं करता है।