Swachh Bharat Mission Gramin: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण का देशभर में डंका, राजस्थान सरकार ने लोगों को जागरूक करने के लिए टॉयलेट टेक्नॉलजी में ट्रेंड 900 जेई किए नियुक्त

Swachh Bharat Mission Gramin: राजस्थान सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (SBM-G) के तहत साफ-सफाई की तरह ग्रामीणों का ध्यान खींचने और उनकी खुले में शौच की आदतों पर विराम लगाने के लिए कई प्रयास किए. राजस्थान में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 900 जूनियर इंजीनियर और जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट की नियुक्ति की गई, जो ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही टॉयलेट निर्माण की दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं. इसी तरह का प्रयास कर सिक्किम के कई गावों को भी मॉडल विल्लेज का दर्जा दिलाया गया.

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Swachh Bharat Mission Gramin: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण का देशभर में डंका, राजस्थान सरकार ने लोगों को जागरूक करने के लिए टॉयलेट टेक्नॉलजी में ट्रेंड 900 जेई किए नियुक्त

Aanchal Pandey

  • September 11, 2019 8:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. Swachh Bharat Mission Gramin: स्वच्छ भारत मिशन नरेंद्र मोदी सरकार का अतिमहत्वाकांक्षी अभियान है, जिसका मकसद भारत को खुले में शौच से मुक्त कराना है. साथ ही लोगों की जीवनशैली में बदलाव लाकर उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है. बीते 5 वर्षों के दौरान अलग-अलग राज्यों में स्वच्छता अभियान यानी स्वच्छ भारत मिशन की दिशा में काफी सारे प्रयास किए गए. राजस्थान सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (SBM-G) के तहत साफ-सफाई की तरह ग्रामीणों का ध्यान खींचने और उनकी खुले में शौच की आदतों पर विराम लगाने के लिए कई प्रयास किए. राजस्थान में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 900 जूनियर इंजीनियर और जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट की नियुक्ति की गई, जो ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही टॉयलेट निर्माण की दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं. इसी तरह का प्रयास कर सिक्किम के कई गावों को भी मॉडल विल्लेज का दर्जा दिलाया गया.

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण राजस्थान के डायरेक्टर पीसी किशन के नेतृत्व में 900 जेई और जेटीए की टीम प्रदेश के 295 ब्लॉक में तैनात हैं. हर ब्लॉक में 3 जूनियर इंजीनियर हर गांवों में सिंगल पिट टॉयलेट और ट्विन पिट टॉयलेट का निर्माण में अहम भूमिका निभाने के साथ ही ह्यूमन वेस्ट को कंपोस्ट में परिवर्तित करने के तरीकों पर जोर दे रहे हैं. बीते कुछ वर्षों के दौरान प्रदेश में 77 लाख सिंगल पिट टॉयलेट का निर्माण कराया गया है.

सबसे अहम बात ये है कि इन जूनियर इंजीनियर और जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट की ट्रेनिंग के लिए 19 प्रैक्टिकल साइट्स और थिअरीटिकल ट्रेनिंग सेंटर खोला गया था, जहां ये टॉयलेट इंजीनियरिंग और स्वच्छता की बेसिक जानकारियां सीख सकें. ट्रेनिंग में यूनिसेफ की काफी मदद मिली. इस दौरान राजस्थान के 50,000 स्वच्छग्राही, सरपंच, ग्राम सेवक समेत और लोगों को ट्रेनिंग दी गई, ताकि वे जरूरतमंद लोगों को जागरूक कर सकें.

उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण का मदसद ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के सामान्य जीवन स्तर में सुधार लाना है. इस मिशन के तहत जागरूकता सृजन और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्थायी स्वच्छता को बढ़ावा देकर समुदाय को और पंचायती राज संस्थाओं को साफ-सफाई के लिए प्रेरित करना है. ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी तरह साफ-सफाई के लिए वैज्ञानिक ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए समुदाय प्रबंधित प्रणालियों का विकास कराना भी इसका लक्ष्य है.

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