Tahawwur Rana: 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा किसी भी कीमत पर भारत नहीं आना चाहता था. उसने अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की. जिसमें कानूनी दांवपेंच से लेकर 33 बीमारियों का हवाला देना शामिल था. लेकिन आखिरकार अमेरिकी प्रशासन और भारतीय एजेंसियों के सामने उसकी एक न चली. अब राणा भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में है.
तहव्वुर राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अमेरिका की सर्वोच्च अदालत तक का दरवाजा खटखटाया. फरवरी 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के सामने राणा को भारत भेजने की घोषणा की थी. इसके बाद राणा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की. जिसमें उसने दावा किया कि वह पाकिस्तानी मूल का होने के कारण भारत में प्रताड़ना का शिकार हो सकता है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया. जिससे उसका आखिरी कानूनी हथियार भी नाकाम रहा.
राणा के वकील जॉन डी क्लाइन ने 21 जनवरी 2025 को अमेरिकी विदेश विभाग को पत्र लिखकर प्रत्यर्पण रोकने की गुहार लगाई. इस पत्र में उन्होंने राणा की 33 से अधिक बीमारियों का जिक्र किया और दावा किया कि भारतीय जेलों की स्थिति अमानवीय है. ‘राणा को भारत की जेलों में यातना झेलनी पड़ेगी और उनकी खराब सेहत के कारण वह वहां जीवित नहीं बच पाएंगे.’ उन्होंने यह भी कहा कि राणा को मूत्राशय में कैंसर का संदेह है और उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही है.
इसके अलावा वकील ने दावा किया कि राणा को स्ट्रोक, मधुमेह, और सुनने की क्षमता में कमी जैसी समस्याएं भी हैं. लेकिन इन सभी दावों को अमेरिकी विदेश विभाग ने सिरे से खारिज कर दिया.
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 11 फरवरी 2025 को जवाबी पत्र में साफ कर दिया कि राणा का प्रत्यर्पण होगा. ‘प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया गया है.’ उन्होंने राणा के स्वास्थ्य संबंधी दावों को तवज्जो नहीं दी. इसके बाद राणा को विशेष विमान से भारत लाया गया. जहां एनआईए ने उसे हिरासत में ले लिया.
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