Sushma Swaraj Invited in OIC: Sushma Swaraj in OIC: इस्लामिक सहयोग संगठन में भारत को पहली बार बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर निमंत्रण दिया गया है. इस समारोह में भारत की ओर से विदेश मंत्री सुषणा स्वराज शरीक होंगी. यह कार्यक्रम यूएई में 1-2 मार्च को होगा.
नई दिल्ली. पुलवामा हमले के बाद भारत को कूटनीतिक स्तर पर अहम कामयाबी हासिल हुई है. ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉरपोरेशन (OIC) ने पहली बार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को काउंसिल ऑफ फॉरेन मिनिस्टर्स के 46वें सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि निमंत्रण दिया है. यह कार्यक्रम 1-2 मार्च को यूएई में होगा. स्वराज को संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नहयान ने न्योता दिया है. वह इस समारोह को संबोधित भी करेंगी. विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ”हम इस न्योते को बहुपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिश्तों को और मजबूत करने के कदम के रूप में देखते हैं. यह न्योता हमारी यूएई के साथ सामरिक भागीदारी में मील का पत्थर है.”
57 सदस्य देशों वाली ओआईसी दुनिया भर की मुस्लिमों की अहम संस्था है, जो उनके हितों के लिए काम करती है. पूर्व राजनयिक तलमीज अहमद ने कहा कि भारत को ओआईसी में बुलाया जाना पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है. पाकिस्तान ने कई बार इस संस्था का इस्तेमाल भारत को नीचा दिखाने के लिए किया है. उन्होंने आगे कहा, इससे मालूम चलता है कि सऊदी अरब, यूएई के अलावा अन्य देशों को भी समझ आ गया है कि पाकिस्तान के साथ इस तरह के रिश्तों से कोई नतीजा नहीं निकलेगा और न ही भारत को प्रताड़ित करने का कोई तुक है.
भारत ने ओआईसी में ऑब्जर्वर स्टेटस हासिल करने के लिए काफी कोशिशें कीं, लेकिन हर बार पाकिस्तान ने उसकी रास्ते में रोड़े अटकाए. साल 1969 में रबत में हुए पहले ओआईसी मीट में भारत को न्योता दिया गया था. यह न्योता सऊदी अरब के राजा किंग फैसल की ओर से आया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल रबत गया था. लेकिन उसे रोम से ही वापस जाने को कह दिया गया. पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल याह्यां खान ने धमकी दी कि अगर भारतीय प्रतिनिधिमंडल को बुलाया गया तो वह वॉक आउट कर देंगे.