नई दिल्ली. देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया है. वह 67 वर्ष की थीं. 6 अगस्त शाम को उन्हें हार्ट अटैक हुआ जिसके बाद उन्हें एम्स ले जाया गया जहां पर उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस ली. एक सफल राजनेता के तौर पर सुषमा स्वराज हमेशा याद की जाएंगी. उन्होंने पिछली नरेंद्र मोदी सरकार में विदेश मंत्री रहते हुए कई सराहनीय कार्य किए. उनके असमय निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गयी हैं. बीजेपी, कांग्रेस, सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1953 को हरियाणा के अंबाला कैंट में हुआ. उनकी शिक्षा अंबाला के सनातन धर्म कॉलेज में हुई. उन्होंने अपनी बैचलर डिग्री संस्कृत और पॉलिटिकल साइंस में की. इसके बाद सुषमा स्वराज ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से कानून की पढ़ाई की. सुषमा स्वराज के राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ हुई. वह 1977 से 1982 तक हरियाणा विधान सभा की सदस्या रहीं. जिस समय वह विधायक बनी उस समय सुषमा की उम्र महज 25 वर्ष थी. इसके बाद वह हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और लोकदल सरकार में 1987 से 1990 तक वह हरियाणा की शिक्षा मंत्री रहीं.
अप्रैल 1990 में सुषमा स्वराज को पहली बार राज्यसभा का सांसद नामित किया गया. 1996 में 11वें लोकसभा चुनाव में सुषमा स्वराज दक्षिण दिल्ली से सांसद चुनी गईं. 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिनों वाली सरकार में सुषमा स्वराज सूचना प्रसारण मंत्री बनीं.
इसके बाद 1998 में सुषमा स्वराज एक बार फिर साउथ दिल्ली से लोकसभा सांसद चुनी गईं. इस बार उन्हें बाजपेयी सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री के अलावा टेलीकम्युनिकेशन मंत्रायल का अतिरिक्त चार्ज दिया गया. वह इस पद पर मार्च 1998 से लेकर 12 अक्टूबर 1998 तक रहीं. सुषमा स्वराज ने अपने कार्यकाल में फिल्म प्रोडक्शन को फिल्म इंडस्ट्री घोषित किया इसके अलावा उन्होंने कम्युनिटी रेडियो की शुरुआत की.
साल 2000 में सुषमा स्वराज उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के लिए नामित की गईं. इस बार वह केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री बनीं. इस दौरान वह सिंतबर 2000 से लेकर जनवरी 2003 तक रहीं. सुषमा स्वराज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, संसदीय कार्य मंत्री रहीं. स्वास्थ्य मंत्री रहते सुषमा स्वराज ने भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थानपना कराई.
15वीं लोकसभा चुनाव में सुषमा स्वराज मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव जीतीं. लालकृष्ण आडवाणी की जगह उन्हें लोकसभा में विपक्ष का नेता चुना गया. वह लोकसभा में विपक्ष की नेता 2014 आम चुनाव तक रहीं. 16वीं लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार में सुषमा स्वराज 2014 से लेकर 2019 तक विदेश मंत्री रहीं.
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