साल 2015 में इराक के मोसुल से अगवा किए भारतीयों की हत्या की जा चुकी है. यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में दी. उन्होंने कहा कि जनरल वी के सिंह भारतीयों के शव लाने इराक जाएंगे. शवों को पहले प्लेन से अमृतसर लाएंगे और फिर इन्हें पटना या कोलकाता भेजा जाएगा.
नई दिल्लीः राज्यसभा में चर्चा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इराक में आईएसआईएस द्वारा बंदी बनाए गए 39 भारतीयों की हत्या हुई है. 27 जुलाई को राज्यसभा में ही चर्चा के दौरान उन्होंने कहा था कि जब तक कोई सबूत नहीं मिल जाता वे उनकी हत्या या मौत की घोषणा नहीं करेंगी. लेकिन आज वह समय आ गया है, उन्होंने कहा कि हरजीत मसी की कहानी सच्ची नहीं थी.
उन्होंने बताया कि रडार की मदद से सभी भारतीयो की लाश का पता लगाया, जिन्हें मारकर दफन कर दिया गया था. संसद में उन्होंने बताया कि ‘सभी मृत व्यक्तियों के शव को बगदाद भेजा गया. इसके बाद डीएनए की जांच के लिए उनके परिवार के लोगों को वहां भेजा गया। इस पूरी प्रक्रिया में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार की सरकारें शामिल रहीं.’
विदेश मंत्री ने आगे बताया कि ‘हमें कल ही इस बारे में पता चला कि 38 लोगों के डीएनए मिला लिए गए हैं जबकि एक व्यक्ति का डीएनए 70 फीसदी तक मैच कर गया है.’ जनरल वी के सिंह भारतीयों के शव को वापस लाने के लिए इराक जाएंगे। शवों को लाने वाला प्लेन पहले अमृतसर जाएगा और फिर इसके बाद इसे पटना और कोलकाता भेजा जाएग.’ गौरतलब है कि 2015 में इराक के मोसुल से इन भारतीयों को अगवा कर लिया गया था.
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