Sushil Modi on Economic Slowdown: बिहार उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का दावा- सावन भादो के महीनों के दौरान आर्थिक मंदी सामान्य

Sushil Modi on Economic Slowdown: बिहार उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दावा किया है कि सावन भादो के महीनों के दौरान आर्थिक मंदी सामान्य बात है. बिहार के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदी के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय किए हैं.

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Sushil Modi on Economic Slowdown: बिहार उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का दावा- सावन भादो के महीनों के दौरान आर्थिक मंदी सामान्य

Aanchal Pandey

  • September 2, 2019 8:12 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

पटना. बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने रविवार को कहा कि कुछ विपक्षी दल देश में दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहे थे. सुशील मोदी ने सावन-भादो के महीनों के दौरान अर्थव्यवस्था में मंदी सामान्य होने का दावा किया है. सुशील मोदी ने एक ट्वीट में कहा है कि, आमतौर पर हर साल सावन-भादो (हिंदू कैलेंडर में पांचवां और छठा महीना) के दौरान अर्थव्यवस्था में चक्रीय मंदी होती है, लेकिन इस बार कुछ राजनीतिक दल चुनाव में हार के बाद अपनी हताशा को दूर करने के लिए इस पर शोर मचा रहे हैं.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि छह साल के निचले स्तर 5 फीसदी पर आ गई, जो एक साल पहले 8 फीसदी थी. कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने विनिर्माण और कृषि क्षेत्रों में डुबकी को नियंत्रित करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को अप्रभावी बताया. बिहार के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदी के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय किए हैं.

उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने 32-बिंदु राहत पैकेज की घोषणा की और 10 बैंकों के विलय से बैंकों की ऋण देने की क्षमता बढ़ जाएगी, जिसका प्रभाव अगली तिमाही में दिखाई देगा. उन्होंने आगे कहा कि बिहार मंदी से अप्रभावित था और दावा किया कि राज्य में मोटर वाहन बिक्री में कोई गिरावट दर्ज नहीं की गई थी. ट्वीट में कहा गया है, मंदी का असर बिहार पर नहीं हुआ है. यहां वाहनों की बिक्री में कोई गिरावट नहीं आई है. केंद्र जल्द ही तीसरे पैकेज की घोषणा करने जा रहा है.

दरअसल राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था अप्रैल-जून तिमाही में केवल 5 प्रतिशत बढ़ी, जो पिछली तिमाही में 5.8 प्रतिशत थी. निरंतर नीचे की ओर दर्ज करते हुए, वित्त वर्ष 2015 की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि छह वर्षों में सबसे धीमी रही है. 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पिछली बार 4.3 प्रतिशत दर्ज की गई थी.

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