नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही कांग्रेस संगठन में हलचल मची हुई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के सर्वोच्च पद पर नहीं रहना चाहते, इसके लिए वे रिजाइन भी दे चुके हैं. हालांकि, पार्टी ने इस्तीफा स्वीकार न करते हुए उनसे अध्यक्ष बने रहने के लिए कहा लेकिन राहुल जिद पर अड़े हैं. वे अगर अध्यक्ष नहीं तो कौन, अब पार्टी में इसी पर मंथन जारी है. हाल ही में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के नाम पर भी चर्चा की जा रही थी लेकिन इस बीच आई हमारे सहयोगी अखबार संडे गार्जन की रिपोर्ट ने सबकों चौंका दिया. रिपोर्ट के अनुसार, देश के पूर्व गृह मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे पार्टी के नए अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. रिपोर्ट की मानें तो गांधी परिवार ने भी सुशील कुमार शिंदे के नाम पर हामी भर दी है. ऐसे में सवाल है कि अगर सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस के नए अध्यक्ष बनते हैं तो क्या वे लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की भाजपा नीत एनडीए से मिली हार से पस्त कांग्रेस में एक बार फिर जान फूकने में कामयाब हो सकेंगे.
राहुल गांधी जैसे युवा छवि के नेता के बाद क्या पार्टी को हजम हो पाएंगे 80 वर्षीय अनुभवी नेता
यूं तो सुशील शिंडे की राजनीतिक समझ पर कोई शक नहीं कर सकता. पुलिस इंस्पेक्टर से देश के गृह मंत्री तक का सफर करने वाले सुशील कुमार शिंद भारतीय राजनीति और कांग्रेस पार्टी के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक हैं. एनसीपी के शरद पवार उन्हें राजनीति में लेकर आए जिसके बाद सुशील कुमार शिंद की किस्मत चमक उठी. वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे और मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में पहले केंद्रीय ऊर्जा मंत्री रहे जिसके बाद शिंदे को देश का गृह मंत्री बनाया गया. साफ है कि सुशील कुमार शिंदे के पास राजनीति का शानदार अनुभव है जिसके दम पर पार्टी उन्हें अध्यक्ष पद सौंपना चाहती है.
पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष राहुल गांधी हैं, जो युवा छवि के साथ नए विचारों के हैं. अपनी शालीनता और सादगी को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में मशहूर है. साथ ही गांधी परिवार से नाम जुड़ने के बाद उनकी लोकप्रियता और ज्यादा ऊपर हो जाती है. पार्टी के नेता चाहते भी हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही बने रहें क्योंकि इस समय पार्टी को उनके नेतत्व की जरूरत है. पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि बढ़ते जमाने को देखते हुए पार्टी के विकास के लिए किसी युवा के हाथों में ही नेतत्व होना चाहिए. ऐसे में पार्टी का सुशील कुमार शिंदे को अध्यक्ष बनाने से पार्टी के कई नेताओं के लिए परेशानी का सबब बन सकता है जिसका असर पार्टी के काम पर पड़ सकता है.
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