Sushant Singh Rajput case: सुशांत सिंह राजपूत केस बिहार से मुंबई ट्रांसफर करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, जानिए किसने क्या दी कोर्ट में दलील

Sushant Singh Rajput case: श्याम दीवान ने कहा कि पटना में FIR दर्ज की जबकि वहाँ घटना हुई ही नही थी. 38 दिनों के देरी से FIR दर्ज कराई गई. अगर मामले का ट्रंसफार पटना से मुम्बई नही होता तो रिया को इंसाफ नही मिल पायेगा, सुशान्त के पिता उसे उसे पसंद नही करते है. श्यान दीवान ने ये भी कहा कि बिहार में जो एफआईआर दर्ज हुई वह जीरो एफआईआर ही है. बिहार पुलिस‌ का क्षेत्राधिकार नहीं है.

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Sushant Singh Rajput case: सुशांत सिंह राजपूत केस बिहार से मुंबई ट्रांसफर करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, जानिए किसने क्या दी कोर्ट में दलील

Aanchal Pandey

  • August 11, 2020 7:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का केस बिहार से मुंबई ट्रांस्फर करने की रिया चक्रवर्ती की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गई. जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की बेंच के सामने सीनियर एडवकेट मनिंदर सिंह ने बिहार सरकार की तरफ से, एएम सिंघवी महाराष्ट्र सरकार की तरफ से श्याम दिवान ने रिया की तरफ से और विकास सिंह सुशांत सिंह की फैमिली का पक्ष रखा. श्याम दीवान ने कहा कि पटना में FIR दर्ज की जबकि वहाँ घटना हुई ही नही थी. 38 दिनों के देरी से FIR दर्ज कराई गई. अगर मामले का ट्रंसफार पटना से मुम्बई नही होता तो रिया को इंसाफ नही मिल पायेगा.

श्याम दीवान ने कहा कि पटना में FIR दर्ज की जबकि वहाँ घटना हुई ही नही थी. 38 दिनों के देरी से FIR दर्ज कराई गई. अगर मामले का ट्रंसफार पटना से मुम्बई नही होता तो रिया को इंसाफ नही मिल पायेगा, सुशान्त के पिता उसे उसे पसंद नही करते है. श्यान दीवान ने ये भी कहा कि बिहार में जो एफआईआर दर्ज हुई वह जीरो एफआईआर ही है. बिहार पुलिस‌ का क्षेत्राधिकार नहीं है. उन्हें खुद एफआईआर ट्रांसफर करना चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जबकि कानून और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में दिए गए फैसले में जीरो एफआईआर का ट्रांसफर उस क्षेत्र की पुलिस को करना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस हर कोण से जाँच कर रहीहै,प्रोफेशनल तरीके से जांच हो रही है. 56 लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं

दूसरी तरफ रिया के वकील श्याम दीवान ने कहा मामला राजनीति से प्रेरित है, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री संजय झा के हस्तक्षेप पर पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. रिया के वकील ने इतनी ही दलील दी. महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेश मनु सिंघवी ने बहस की शुरुवात की कहा वो पटना में दर्ज FIR का विरोध कर रहे है. बिहार सरकार ने वकील ने कहा महाराष्ट्र में बिना किसी एफआईआर के क्या जाँच चल रही है? आखिर महाराष्ट्र पुलिस क्या छुपा रही है.

विकास सिंह ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे इस मामले का हिस्सा है. विकास सिंह ने कहा कि वो इस मामले में फेयर जांच चाहते है. उन्हें मुम्बई पुलिस पर भरोसा नही।मुम्बई पुलिस जांच को अलग दिशा मे ले कर जा रही है. विकास सिंह ने कहा कि मुम्बई पुलिस ने इस मामले में सबसे पूछताश की लेकिन मुख्य आरोपी से नही की. डेडबॉडी पर जो निशान ने वो बेल्ट के हो सकते है. रिया जो सब कुछ कंट्रोल कर रही थी उससे पूछताछ होनी चहिए थी लेकिन मुम्बई पुलिस कुछ और ही कर रही थी. विकास सिंह ने कहा कि सुशांत की बहन केवल 10 मिनट की दूरी पर थी जब लॉक तोड़ा गया, उन्होंने कभी भी उंसको कॉल नही किया न ही इंतजार किया. बहन जब घर पहुँची तो बॉडी जमीन पर रखी हुई थी. उन्होंने कभी बॉडी को लटकी हुई नही देखा.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा.सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में यह तय करेगा कि बिहार में दर्ज एफआईआर को मुंबई को ट्रांसफर किया जाए या नहीसुप्रीम कोर्ट इन सभी पक्षों को गुरुवार तक लिखित जवाब देने को कहा. महाराष्ट्र सरकार ने सीलबंद कवर में क्या दिया है,यह जांच का विवरण नहीं है। वे बयानों अनधिकृत तरीके से रिकॉर्ड कर रहे हैं,प्रवर्तन निदेशालय पहले से ही जांच कर रहा है।एक बार एक केंद्रीय एजेंसी पर मामला दर्ज हो जाने के बाद, एक अन्य केंद्रीय एजेंसी (CBI) को शामिल किया जाना चाहिए.

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