नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और भारतीय नर्सिंग परिषद को शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली में नर्सिंग पाठ्यक्रमों में सीटें भरने के लिए अतिरिक्त मॉप अप राउंड आयोजित करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कही ये बात जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ […]
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और भारतीय नर्सिंग परिषद को शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली में नर्सिंग पाठ्यक्रमों में सीटें भरने के लिए अतिरिक्त मॉप अप राउंड आयोजित करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने सेंट स्टीफंस हॉस्पिटल कॉलेज ऑफ नर्सिंग और एंजेला बीजू की याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचिका में शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया को इस आधार पर फिर से खोलने का निर्देश देने की मांग की गई थी कि दिल्ली नर्सिंग संस्थान में लगभग 110 सीटें खाली हैं।
शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए दिल्ली में नर्सिंग कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया 31 मार्च, 2022 को समाप्त होनी थी। याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि चूंकि दो सरकारी नर्सिंग कॉलेजों के लिए समय सारिणी 31 मार्च से बढ़ाकर 15 मई, 2022 कर दी गई है। इसलिए ऐसी राहत सेंट स्टीफंस हॉस्पिटल कॉलेज ऑफ नर्सिंग को भी दी जाए। लेकिन पीठ ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि प्रवेश प्रक्रिया अंतहीन नहीं हो सकती।
इससे पहले NEET PG काउंसलिंग 2021 से जुड़े इसी तरह के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग के एक और दौर का संचालन करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
साथ ही कोर्ट को बताया गया कि पढ़ाई काफी पहले शुरू हो गई थी। नए उम्मीदवारों के लिए अलग से अध्ययन करना और छूटे हुए पाठ्यक्रम को कवर करना मुश्किल होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने विशेष दौर की काउंसलिंग की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता हो।