नई दिल्लीः आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी संगठनों के साथ संबंध होने के कारण भारत सरकार ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर प्रतिबंधित लगा दिया था। प्रतिबंध लगाने के खिलाफ सीमी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया […]
नई दिल्लीः आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी संगठनों के साथ संबंध होने के कारण भारत सरकार ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर प्रतिबंधित लगा दिया था। प्रतिबंध लगाने के खिलाफ सीमी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि धारा 370 पर सुनवाई खत्म होने के बाद उस मामले पर सुनवाई करने का विचार किया जाएगा।
सीमी पर प्रतिबंध लगने के कारण
सीमी का फाउंडर मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दीकी है। सीमी का अस्तित्व 1993 में हुआ, इससे पहले 25 अप्रैल ,1997 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जमात-ए-इस्लामी-हिद संगठन के रुप में जाना जाता था। संगठन में विश्वास करने वाले हजारों छात्र इससे जुड़े है। केंद्र सरकार का आरोप है कि सीमी का मूल उद्देश्य भारत में इस्लामी शासन स्थापित करना है। संगठन के कार्यकार्ता देश विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए है जो देश की अखंडता और एकता को खतरे में डालता है। सरकार ने यह भी कहा कि सिमी का उद्देश्य छात्रों और युवाओं को इस्लाम के प्रचार-प्रसार और जिहाद को बढ़ावा देना है।
उच्चतम न्यायालय में धारा 370 पर चल रही है सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि धारा 370 पर सुनवाई खत्म होने के बाद उस मामले पर सुनवाई करने का विचार किया जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अभी धारा 370 पर सुनवाई चल रही है। केंद्र सरकार इससे पहले भी 42 आतंकवादी संगठन पर बैन लगा चुकी है। केंद्र सरकार का कहना है कि 1967 के गैरकानूनी गतिविधियां में अधिनियम के तहत कार्रवाई हुआ है। सीमी ने सुप्रीम कोर्ट में 18 जनवरी को सुनवाई हलफनामा दिया था और तब से सूचीबद्ध नहीं किया गया है।