अदालत में होने वाली कार्यवाही की मीडिया द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग और देशभर में उसकी लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए मीडिया को इजाजत है. कोर्ट ने कहा कि हालांकि इसके लिए कुछ खास नियमों का पालन किया जाएगा.
नई दिल्ली.अदालत की कार्यवाही की मीडिया द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग और देशभर में उसकी लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति देते हुए कहा, ‘इसकी शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से होगी. इसके लिए नियमों का पालन किया जाएगा.’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि- अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग न्याय व्यवस्था में जवाबदेही लेकर आएगी.
मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ,जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने 24 अगस्त को मामले पर ये कहकर फैसला सुरक्षित रख लिया था कि वह अदालतों की भीड़ खत्म कर खुली अदालत की अवधारणा को लागू करना चाहते हैं. केंद्र की ओर से एटर्नी जनरल केके वेनूगोपाल ने कहा था कि संवैधानिक महत्व के मामलों पर भारत के मुख्य न्यायाधीश की अदालत में एक पायलट परियोजना के रूप में लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की जा सकती है और अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए दिशानिर्देशों पर सुझाव जमा कर दिए गए थे.
तब बेंच ने कहा था कि- हमें लाइव स्ट्रीमिंग से कोई कठिनाई नहीं आती है. आइए हम पहले देखें कि यह कैसा चल रहा है. हम सिर्फ एक पायलट प्रोजेक्ट पर हैं. हम कुछ भी नहीं कर रहे हैं और समय के साथ सुधार करेंगे. हम सब कुछ एक साथ नहीं कर सकते.
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