सुप्रीम कोर्च ने समलैंगिकों के बीच संबंध को अपराध की श्रेणी में रखने वाली धारा 77 को हटाने का एतिहासिक फैसला सुनाया है. फैसला आने के बाद से समुदाय में खुशी की लहर है. वहीं राजनेता और आम लोगों ने भी इसपर प्रतिक्रिया देनी शुरु कर दी है.
नई दिल्ली. पिछले कई सालों के कानूनी लड़ाई लड़ रहे समलैंगिक समुदाय के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से खुशखबरी है. दरअसल समलैंगिकों के बीच रिश्तों को अपराध की श्रेणी में लाने वाली धारा को मुख्य न्यायधीश ने आतर्किक और मनमाना करार दिया है और इस हटाने का एतिहासिक फैसला सुनाया है. इस फैसले के आते ही LGBT समुदाय में खुशी की लहर है. ऐसे में सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आना शुरु हो गई हैं. वहीं राजनेताओं ने भी इस पर अपना पक्ष रखना शुरु कर दिया है. कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने इस फैसले पर ट्विटर पर खुशी जताते हुए इसके समर्थकों को शुभकामनाएं दीं.
वहीं कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर ट्वीट की गई. हम भारत के लोगों और समलैंगिक समुदाय की इस जीत में उनके साथ है. हम सुप्रीम कोर्ट के इस प्रगतिशील फैसले का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि इसके बाद समानता की नई शुरुआत होगी. इसके अलावा कांग्रेस के बागी नेता शहजाद पूनावाला ने अपने ट्विटर पर लिखा सुप्रीम कोर्ट के कुछ आजाद फैसले- सेक्शन 377, तीन तलाक और निजता का अधिकार आदि मोदी सरकार के काल में हुए जो पिछले60 सालों में नहीं हुए. इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी और फांसीवादी एजेंडे चलाए गए. फैसले के वक्त चीफ जस्टिस ने कहा कि लोगअपनी सच्चाई से भाग तो नहीं सकते.
फैसले के वक्स कोर्ट ने कहा कि समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. समाजिक नैतिकता संवैधानिक नैतिकता से ऊपर नहीं हो सकती. बता दें कि 5 हाईप्रोफाइल याचिकाकर्ताओं ने सेक्सन 377 के खिलाफ याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को सुरक्षित रख लिया था.
Congratulations #India #RainbowDesh! #JaiHind #Section377Verdict
— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) September 6, 2018
So pleased to learn that the SupremeCourt has ruled against criminalising sexual acts in private. This decision vindicates my stand on Section 377& on exactly the same grounds of privacy, dignity &constitutional freedoms. It shames those BJP MPs who vociferously opposed me in LS.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 6, 2018
Supreme Court verdict on #Section377 is momentous.
An age-old colonial law, that was an anachronism in today’s modern times, ends restoring the fundamental rights & negating discrimination based on sexual orientation. It’s an imp step forward towards a liberal, tolerant society.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 6, 2018
We join the people of India & the LGBTQIA+ community in their victory over prejudice. We welcome the progressive & decisive verdict from the Supreme Court & hope this is the beginning of a more equal & inclusive society. #Section377 pic.twitter.com/Fh65vOn7h9
— Congress (@INCIndia) September 6, 2018
https://twitter.com/Shehzad_Ind/status/1037586654016544768
https://twitter.com/ParomitaBardolo/status/1037587729666768899
https://twitter.com/callmebymy___/status/1037552096965480448
If God has made the #LGBT community the way they are , who are we humans to declare it sinful ? #Section377
— Dr Luttapi (@DrLuttapi) September 6, 2018
https://twitter.com/hazelnutziallxx/status/1037587469401767937
https://twitter.com/archana0809/status/1037582880279552000
He+He is not Hehe anymore. Congrats India. #Section377
— Gabbar (@GabbbarSingh) September 6, 2018
धारा 377: समलैंगिकता अब अपराध नहीं, जानिए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की दस बड़ी बातें