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हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों जजों ने क्या कहा ?

नई दिल्ली. हिजाब विवाद काफी महीनों से चल रहा है, ये मामला हाईकोर्ट भी गया था जहाँ हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुका है. और सवाल अब भी यही है – शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध रहेगा या नहीं? इस पर अब सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच फैसला करने वाली है. आज सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच का फैसला अलग-अलग आया है, एक ने हिजाब के पक्ष में फैसला सुनाया है तो एक ने विपक्ष में. जस्टिस हेमंत गुप्ता ने जहां कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया, तो वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को गलत माना और इसे रद्द कर दिया.

हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की राय अलग-अलग होने के चलते अब बड़ी बेंच इस मामले में फैसला सुनाएगी. इस बेंच में तीन जज कौन होंगे? इसका फैसला चीफ जस्टिस लेंगे.

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने हिजाब मामले पर 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था, दरसल, ये पूरा मामला कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले खिलाफ था, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है और शिक्षण संस्थानों में हिजाब नहीं पहनना चाहिए. कर्नाटक हाईकोर्ट ने ये फैसला इस साल 15 मार्च को दिया था, जिसे चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई.

दोनों जज ने क्या कहा

जस्टिस हेमंत गुप्ता

हिजाब विवाद पर सुनवाई करते हुए जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा – कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर सभी 26 याचिकाओं को खारिज कर दिया है, इस मामले में मेरी राय अलग है.

– उन्होंने कहा कि मैंने अपने आदेश में 11 सवाल तैयार किए है, और सबसे पहला सवाल तो यही है कि क्या इस अपील को संविधान बेंच के पास भेजा जाना चाहिए?

– जस्टिस गुप्ता ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम का अहम हिस्सा नहीं है और कर्नाटक सरकार का आदेश शिक्षा तक पहुंच के मकसद को पूरा करता है, इसलिए याचिकाओं को खारिज किया जाता है.

जस्टिस सुधांशु धूलिया

हिजाब विवाद पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताया. उन्होंने कहा कि हिजाब पहनना या न पहनना, ये सबकी अपनी पसंद है. सबसे ज़रूरी है लड़कियों की शिक्षा.

– जस्टिस धूलिया ने कहा कि धार्मिक प्रधाओं का मुद्दा विवाद के समाधान के लिए जरूरी नहीं था, वहां हाईकोर्ट ने गलत रास्ता चुना है, हिजाब अनुच्छेद 15 के बारे में था, ये पसंद की बात थी, इससे ज्यादा और कुछ नहीं. उन्होंने हिजाब पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया, उन्होंने कर्नाटक सरकार के फैसले को गलत ठहराया है.

– उन्होंने कहा कि उनके दिमाग में सबसे अहम सवाल लड़कियों की शिक्षा थी और कहा कि क्या हम उनके जीवन को बेहतर बना रहे हैं? क्या उनकी शिक्षा के लिए कुछ कर रहे हैं?

 

 

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Aanchal Pandey

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