Supreme Court Verdict on CJI Under RTI Act: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सीजेआई का दफ्तर भी RTI के दायरे में लेकिन शर्तों के साथ

Supreme Court on RTI For CJI Office: सूचना का अधिकार ( RTI) कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि आरटीआई के दायरे में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का भी दफ्तर आएगा लेकिन कुछ शर्तों के साथ.

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Supreme Court Verdict on CJI Under RTI Act: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सीजेआई का दफ्तर भी RTI के दायरे में लेकिन शर्तों के साथ

Aanchal Pandey

  • November 13, 2019 3:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. सूचना का अधिकार ( RTI) कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि आरटीआई के दायरे में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का भी दफ्तर आएगा लेकिन कुछ शर्तों के साथ. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने आरटीआई पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि मुख्य न्यायधीश को निजता और विश्वनीयता का पूरा अधिकार रहेगा.

सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. इस बेंच में सीजेआई के साथ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस डीवाईव चंद्रचूड़, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल रहे. पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट के साल 2010 में आए फैसले को दी गई चुनौती पर फैसला सुनाया है.

जनवरी साल 2010 में दिल्ली हाई कोर्ट ने सीजेआई के दफ्तर को आरटीआई के दायरे में लाने के फैसले को देते हुए कहा था कि मुख्य न्यायधीश का दफ्तर एक सार्वजनिक प्रधिकरण है जिसे सूचना के अधिकार कानून के अंतर्गत लाया जाना जरूरी है. इससे पहले सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा था कि पारदर्शिता के नाम पर किसी एक संस्था को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.

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