Supreme Court verdict on Centre-Delhi tussle: दिल्ली प्रशासनिक शक्तियां पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने हाई कोर्ट का फैसला पलटते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ही दिल्ली का बॉस है. कोर्ट के फैसले पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये दिल्ली के लोगों और लोकतंत्र की जीत है. वहीं केजरीवाल ने शाम 4 बजे अपने आवास पर सभी मंत्रियों की बैठक बुलाई है.
नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली की प्रशासनिक शक्तियां पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सीएम अरविंद केजरीवाल ने लोकतंत्र की जीत बताया है. साथ ही सीएम केजरीवाल एक्शन में आ गए हैं. उन्होंने बंद पड़ी सार्वजनिक परियोजनाओं पर चर्चा के लिए सभी कैबिनेट मंत्रियों को शाम 4 बजे अपने आवास पर बैठक के लिए बुलाया है.
इससे पहले फैसला पढ़ते हुए जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि दिल्ली को राज्य का दर्जा नही दिया जा सकता है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला पलट दिया है जिसमें हाइकोर्ट ने उपराज्यपाल को अधिक शक्तियों की बात कही था. कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ही दिल्ली की बॉस है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पर किसका अधिकार है मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि उप राज्यपाल के पास फैसले लेने का स्वतंत्र अधिकार नहीं है. वह जनता के द्वारा चुनी गई सरकार के साथ तानाशाह की तरह व्यवहार नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि संविधान ने मुख्य प्रतिनिधित्व का अधिकार राज्य सरकार को दिया है. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने साफ तौर पर कहा कि एलजी को मंत्रिपरिषद् के साथ काम और उनके फैसला का सम्मान करना चाहिए. हर केस में एलजी की दखलअंदाजी जरूरी नहीं है.
Supreme Court verdict on Center-Delhi tussle
– दिल्ली कैबिनेट मिटिंग के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने राज्य सरकार की ओर से बयान जारी किया है. बयान में बताया गया है कि दिल्ली सरकार मानती है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उस विश्वास की निष्ठा है, जिसे संविधान ने न्यायपालिका और विशेष रूप से भारत की सर्वोच्च अदालत ने रखा है.
Delhi Govt’s statement on today’s judgement… pic.twitter.com/FSStW3Qjjq
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 4, 2018
-दिल्ली में प्रशासनिक शक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक्शन में आ गए हैं. केजरीवाल ने शाम 4 बजे अपने आवास पर कैबिनेट मंत्रियों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में सार्वजनिक महत्व की महत्वपूर्ण परियोजनाओं जोकि काफी समय से बंद है पर चर्चा की जाएगी.
Called a meeting of all Cabinet Ministers at 4 pm at my residence to discuss critical projects of public importance which were blocked so far.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 4, 2018
-दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो बिल्कुल साफ है. अगर दिल्ली सरकार और एलजी साथ काम नहीं करेंगे तो समस्याएं आएंगी. कांग्रेस ने 15 सालों तक काम किया लेकिन कोई समस्या नहीं आई.
-दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का एक ऐतिहासिक निर्णय है. अब दिल्ली सरकार को अपनी फाइलें एलजी को मंजूरी के लिए नहीं भेजनी पड़ेगी. अब काम बंद नहीं होगा. मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूं, ये लोकतंत्र की जीत है.
– आम आदमी पार्टी की ओर से डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि 67/3 दिल्ली की जनता का एक ऐतिहासिक फैसला था. आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण फैसला दिया है. मैं दिल्ली की जनता की तरफ से इस फैसले के लिए धन्यवाद करता हूँ जिसमे माननीय न्यायालय ने जनता को ही सर्वोच्च बताया है.
"67/3 दिल्ली की जनता का एक ऐतिहासिक फैसला था, आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण फैंसला दिया है।
मैं दिल्ली की जनता की तरफ से इस फैसले के लिए धन्यवाद करता हूँ जिसमे माननीय न्यायालय ने जनता को ही सर्वोच्च बताया है"- @msisodia pic.twitter.com/n2HLz3Hhkl
— AAP (@AamAadmiParty) July 4, 2018
– जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनात हुए कहा कि जब सरकार फेल होती है तो देश भी फेल हो जाता है. संस्थागत शासन में सबको मौका मिलना चाहिए. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि उप राज्यपाल अनिल बैजल दिल्ली सरकार के मंत्रीपरिषद् की सलाह लेने के लिए बाध्य हैं.
– दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि ये दिल्ली के लोगों और लोकतंत्र की जीत है. वहीं कांग्रेस के नेता अजय माकन के कहा कि दिल्ली सरकार से अब उम्मीद कर सकते हैं नए स्कूल, नए अस्पताल, लोकपाल का मुंह देख सकते हैं, अब काम करके दिखाएं बहाने नहीं चलेंगे.
A big victory for the people of Delhi…a big victory for democracy…
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 4, 2018
– अजय माकन ने कहा कि अब, चूंकि सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में शक्तियों के बारे में स्पष्ट कर दिया है. हमें आशा है कि दिल्ली की सत्ता से कांग्रेस को बाहर करने के बाद जिस विकास कार्यों को रोक दिया गया था, वो अब फिर से शुरू हो जाएंगे. माकन ने कहा कि अब एलजी और सीएम अब एकदूसरे पर ब्लेम गेम को रोकें और दिल्ली का विकास शुरू करें. जोकि हमने सफलतापूर्वक साल तक किया था.
Now, since the Apex Court has clarified about the powers in Delhi-
We hope that the development which has been stalled, ever since the Congress was voted out of power, 4 yrs ago-will start again
LG and CM, stop this blame-game and develop Delhi as we successfully did for 15yrs!
— Ajay Maken (@ajaymaken) July 4, 2018
– इससे पहले जस्टिस दीपक मिश्रा ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि सभी पहलुओं पर हमनें गौर किया, संविधान, 239AA की व्याख्या, मंत्रिपरिषद की शक्तियां, आदि. जस्टिस मिश्रा ने फैसले में कहा कि चुनी हुई सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है.
– आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने इस फैसले पर कहा कि केजरीवाल जी, सुप्रीम कोर्ट ने AAP से कहा हैं आयोडेक्स मलिए काम पर चलिए.
– सीजेआई दीपक मिश्रा ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि सभी संवैधानिक कार्यकर्ता को संवैधानिक नैतिकता को कायम रखना चाहिए और संविधान की भावना के साथ कार्य करना चाहिए. संवैधानिक विश्वास सभी संवैधानिक कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शित किया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर और लैंड केंद्र सरकार के अधीन है. उपराज्यपाल बैजल गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करते हैं. इस मामले में अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की गई थी. केजरीवाल का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार दिल्ली में संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकार के अधिकारों का हनन करती है.
बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन दिनों दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए एक अभियान की शुरूआत की है. AAP ने दिल्ली की जनता से 7065049000 नंबर पर मिस कॉल कर इस मुहिम में साथ देने की अपील की है.
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