नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट 1984 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख दंगों से जुड़े 186 मामलों की फाइलें दोबारा खोलेगा साथ ही इस मामले में रिटायर्ड जज की अगुवाई में विशेष टीम (एसआईटी) भी गठित की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जज ए एम खानविलकर और धनंजय वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ कहना है कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश वाली इस प्रस्तावित समिति में पुलिस का एक रिटायर्ड और कार्यरत अधिकारी को शामिल किया जाएगा. साथ में यह भी साफ किया है कि रिटायर्ड पुलिस अधिकारी रिटायरमेंट के समय पुलिस उपमहानिरीक्षक के नीचे पद पर नहीं होना चाहिए.
बता दें कि 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़की हिंसा में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे. इस मामले से जुड़ी कुल 241 फाइलें बंद कर दी गई थीं. 1984 सिख विरोधी दंगों में सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2017 में एक समिति बनाई थी. जिसमें रिटायर्ड जज जे एम पांचा और के एस राधाकृष्णन को की कमीटी के 199 मामलों की जांच करनी थी. इन मामलों में एसआईटी ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी थी.
इससे पहले अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एसआईटी के तरफ से किए 241 मामलों में सही तरह से जांच हुई या नहीं, इसका पता लगाने के लिए दो पूर्व जजों की कमिटी बनाई जाएगी. वहीं मार्च में बताया गया था कि 199 मामलों की जांच में कुछ नहीं मिलने के चलते बंद कर दिए गए थे. इसी तरह के 59 मामलों में जांच चल रही थी. बता दें कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख दंगों में दिल्ली में 2,733 लोग मारे गए थे.
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