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पत्नी अवैध संबंध बनाए तो आपराधिक मुकदमा दर्ज होगा या नहीं, सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

अगर पत्नी के दूसरे विवाहित पुरुष के साथ अवैध संबंध बनाए तो क्या उस पर आईपीसी की धारा 497 के तहत मामला आपराधिक दर्ज होगा, सुप्रीम कोर्ट आज इस पर फैसला सुनाएगा. मौजूदा कानून के तहत सिर्फ पति पर ही केस दर्ज हो सकता है.

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  • September 26, 2018 11:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. पत्नी अगर किसी दूसरे विवाहित पुरुष से अवैध संबंध बनाए तो उस पर भी IPC की धारा 497 के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज होगा या नहीं, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. मौजूदा कानून में ऐसा मुकदमा केवल पति पर ही दर्ज हो सकता है, जो किसी दूसरी विवाहित महिला से अवैध संबंध बनाता है. लेकिन पत्नी ऐसा करे तो उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने की पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने 23 अप्रैल को एडल्टरी मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि एडल्टरी अपराध है और इससे परिवार और विवाह तबाह होता है. आईपीसी की धारा-497 (एडल्टरी) के प्रावधान के तहत पुरुषों को अपराधी माना जाता है, जबकि महिला विक्टिम मानी गई है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया कि आईपीसी की धारा-497 के तहत जो कानूनी प्रावधान है वह पुरुषों के साथ भेदभाव वाला है. अगर कोई शादीशुदा पुरुष किसी और शादीशुदा महिला के साथ उसकी सहमति से संबंधित बनाता है तो ऐसे संबंध बनाने वाले पुरुष के खिलाफ उक्त महिला का पति एडल्टरी का केस दर्ज करा सकता है. लेकिन संबंध बनाने वाली महिला के खिलाफ और मामला दर्ज करने का प्रावधान नहीं है, जो भेदभाव वाला है और इस प्रावधान को गैर संवैधानिक घोषित किया जाए.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि पहली नजर में धारा-497 संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करती है. केंद्र सरकार की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि विवाह की एक संस्था के तौर पर पवित्रता को बनाए रखने के लिए एडल्टरी को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली संवैधानिक बेंच ने कहा था कि एडल्टरी की धारा-497 साफ तौर पर मनमाना और एकतरफा है. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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