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केंद्रीय विद्यालयों में हिंदी में प्रार्थना दे रही है हिंदुत्व को बढ़ावा? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा सवाल

केंद्रीय विद्यालयों में हो रही हिंदी प्रार्थना पर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और केंद्रीय विद्यालयों से जवाब मांगा है. SC में दाखिल याचिका में कहा गया है कि विद्यालयों में प्रार्थना संविधान के अनुच्छेद 25 और 28 के खिलाफ है. जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती

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Kendriya Vidhyala
  • January 10, 2018 3:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः केंद्रीय विद्यालयों में हो रही हिंदी प्रार्थना को लेकर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और केंद्रीय विद्यालयों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में पूछा गया है कि केंद्रीय विद्यालयों में हो रही हिंदी प्रार्थना क्या किसी धर्म का प्रचार है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर कहा कि यह एक बड़ा संवैधानिक मुद्दा है जिस पर विचार करना बेहद जरूरी है.

एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में 1964 से हिंदी में सुबह से प्रार्थाना हो रही है जो पूरी तरह से असंवैधानिक है. यह संविधान के अनुच्छेद 25 और 28 के खिलाफ है जिसके चलते इस प्रार्थना को इजाजत नहीं दी जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार और केंद्रीय विद्यालयों से जवाब मांगा है.

बता दें कि देशभर में 1125 केंद्रीय स्कूल हैं. स्कूल में संस्कृत श्लोक के बाद हिंदी प्रार्थना गानी होती है (दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना, दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना हमारे ध्यान में आओ प्रभु आंखों में बस जाओ) प्रार्थना के दौरान छात्रों को हाथ जोड़कर आंख बंद करनी होती है. हिंदी और संस्कृत की प्रार्थना धर्म विशेष हिंदू का प्रचार करती है, जो कि अनुच्छेद 28 और 19 का उल्लंघन है.

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