Supreme Court: प्रशांत भूषण की दलील सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकारी, क्या केंद्र की बढ़ने वाली है दिक्कतें?

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग के दो पद खाली हो गए थे। अब केंद्र सरकार ने दोनों पदों को भरने के लिए कवायद शुरु कर दी है लेकिन अब इस पर ग्रहण लग सकता है। क्योंकि एक गैर-सरकारी संगठन ने […]

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Supreme Court: प्रशांत भूषण की दलील सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकारी, क्या केंद्र की बढ़ने वाली है दिक्कतें?

Sachin Kumar

  • March 13, 2024 3:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग के दो पद खाली हो गए थे। अब केंद्र सरकार ने दोनों पदों को भरने के लिए कवायद शुरु कर दी है लेकिन अब इस पर ग्रहण लग सकता है। क्योंकि एक गैर-सरकारी संगठन ने केंद्र सरकार के चुनाव आयुक्तों के नियुक्ति के लिए बनाए गए समिति के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। बता दें कि प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसे उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है।

संगठन को किस बात पर है ऐतराज

दरअसल केंद्र सरकार ने जो चुनाव आय़ुक्तो की नियुक्ति के लिए समिति बनाई है उसमें चीफ जस्टिस को बाहर रखा गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर कोर्ट 15 मार्च को सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। न्यायामूर्ति संजीव खन्ना की नेतृत्व वाली पीठ ने एनजीओ एसोशिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस- एडीआर की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण की दलीलों पर विचार किया और सुनवाई के लिए तैयार हो गया।

अभी समिति में कौन-कौन है शामिल

नए कानून के मुताबिक, चयन समिति में प्रधानमंत्री अध्यक्ष होंगे और इसमें दो सदस्य होंगे। सदस्‍यों में लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा चयन किए गए एक केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। हाल में निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के पद से इस्तीफे के बाद एनजीओ एडीआर ने शीर्ष अदालत का रुख किया है। अब इस मामले पर 15 मार्च को सुनवाई तय की गई है। बता दें कि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव-2024 के तिथियों का ऐलान होने वाला है। ऐसे में यह मामला काफी महत्‍वपूर्ण हो जाता है।

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