नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव से पहले फ्रीबीज यानी मुफ्त में सामान बांटने या फिर उसका वादा करने वाले दलों पर रोक लगाने को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग पर सख्त टिपण्णी की है. सीजेआई एनवी रमण के नेतृत्व वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि अगर […]
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव से पहले फ्रीबीज यानी मुफ्त में सामान बांटने या फिर उसका वादा करने वाले दलों पर रोक लगाने को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग पर सख्त टिपण्णी की है. सीजेआई एनवी रमण के नेतृत्व वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि अगर चुनाव आयोग मुफ्त में सामान बांटने वाले दलों का कुछ नहीं कर सकती तो फिर तो उसे भगवान ही बचाए. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस विषय पर उसके द्वारा उठाए जा रहे जरुरी क़दमों पर जवाब भी माँगा है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में वित्त आयोग से भी जवाब माँगा. सुप्रीम कोर्ट ने वित्त आयोग से पूछा कि क्या राज्यों को आवंटित होने वाले राजस्व में गैर जरूरी खर्चों का भी ख्याल रखा जाता है ?
मुफ्तखोरी पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से भी इस मामले में उनकी राय मांगी जबकि वह किसी और मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में मौजूद थे. सीजेआई ने कहा, मिस्टर सिब्बल यहां मौजूद हैं और वह एक वरिष्ठ संसद सदस्य भी हैं, इसलिए आप बताएं कि आपकी इसमें क्या राय है? सिब्बल ने कहा, यह बहुत ही गंभीर मामला है लेकिन राजनीति से इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है. जब वित्त आयोग राज्यों को फंड आवंटित करता है तो उसे राज्य पर कर्ज और मुफ्त योजनाओं पर विचार भी करना चाहिए, सिब्बल के मुताबिक वित्त विभाग ही इस मुद्दे को निपटा सकता है.
बता दें, 22 जनवरी को अश्विनी उपाध्याय ने मुफ्तखोरी के खिलाफ याचिका दायर की थी, इस याचिका में कहा गया था कि राजनीतिक दल पर एक शर्त लगाई जानी चाहिए कि वे सार्वजनिक कोष से चीजें मुफ्त देने का वादा या वितरण नहीं करेंगे. इस मामले पर कपिल सिब्बल ने कहा कि हम चुनाव आयोग और वित्त विभाग को इस मामले से निपटने के लिए कह सकते हैं, इस मामले में केंद्र से उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह इस मामले में कोई निर्देश देगा. इसके बाद बेंच ने अडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा वह सिब्बल की सलाह पर आयोग के विचारों का पता करें. बता दें अब इस मामले पर तीन अगस्त को अगली सुनवाई होगी. आज की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की तरफ से पेश हुए वकील अमित शर्मा ने कहा कि पहले के फैसले में कहा गया था कि केंद्र सरकार इस मामले से निपटने के लिए कानून बनाए, वहीं नटराज ने कहा कि यह चुनाव आयोग पर निर्भर करता है. इसपर सीजेआई ने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग को ही निर्णय लेना होगा. सीजेआई ने इस मामले पर केंद्र पर भी सवाल उठाए हैं और पूछा है कि आखिर केंद्र इस मामले में कदम उठाने से परहेज क्यों कर रहा है?
भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमण ने कहा कि दुनिया के सभी नागरिकों के लिए यह जरूरी है कि वे स्वाधीनता, स्वतंत्रता और लोकतंत्र को बरकरार रखने और आगे बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश करते रहें, जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने सालों संघर्ष किया है. सीजेआई एनवी रमणा ने अमेरिका के फिलाडेल्फिया में ‘इंडिपेंडेंस हॉल’ की यात्रा के बाद यह बात कही थी. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि यह स्मारक मानव सभ्यता में एक निर्णायक क्षण को दर्शाता है और सभी लोकतंत्र उन मूल्यों से प्रेरित हैं, जो कि इस पवित्र स्थान से उत्पन्न हुए हैं.