नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके साथी शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर फैसला करने में हो रही देरी पर सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को आड़े हाथ लेते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस मामले पर कब तक निर्णय किया जाएगा, […]
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके साथी शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर फैसला करने में हो रही देरी पर सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को आड़े हाथ लेते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस मामले पर कब तक निर्णय किया जाएगा, इसके बारे में वह कोर्ट को मंगलवार यानी 17 अक्टूबर तक अवगत कराएं।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की बेंच ने कहा कि यह कार्यवाही महज दिखावा नहीं होनी चाहिए और और स्पीकर न्यायालय के आदेश को विफल नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि अदालत उनके फैसले से संतुष्ट नहीं हुई, तो ‘बाध्यकारी आदेश’ सुनाएगी।
न्यायालय ने कहा कि समय सीमा निर्धारित करने के पीछे का कारण अयोग्यता कार्यवाही पर सुनवाई में ‘अनिश्चित काल के लिए विलंब’ करना नहीं था। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय अगले विधानसभा चुनाव से पहले लेना होगा, नहीं तो पूरी प्रक्रिया निरर्थक हो जाएगी। बता दें कि प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव सितंबर-अक्टूबर 2024 में होने की संभावना है। कोर्ट ने कहा कि शीर्ष अदालत यह नहीं कहेगी कि अध्यक्ष को किन आवेदनों पर फैसला करना चाहिए। कोर्ट ने कहा, लेकिन उनकी यानी अध्यक्ष की ओर से ऐसी धारणा बनायी जानी चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं।