Supreme Court Stays Fatwas Ban Order of Uttarakhand Hight Court: फतवे व फरमान पर बैन लगाए जाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. हरिद्वार के नजदीक गांव में नाबालिग से बलात्कार के बाद जारी हुए फतवे को लेकर हाईकोर्ट ने कहा था कि ये असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर इसपर जवाब मांगा है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें फतवे व फरमान पर बैन लगा दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर इसपर जवाब मांगा है. बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 30 अगस्त को फैसला सुनाते हुए राज्य में हर तरह के, खास कर धार्मिक संस्थाओं, संगठनों, पंचायतों, स्थानीय पंचायतों और जन समूहों द्वारा जारी किए जाने वाले फतवे या फरमान पर बैन लगा दिया था.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि फतवे गैर संवैधानिक हैं ये व्यक्ति के मौलिक अधिकारों के खिलाफ भी है. तब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की बेंच ने हरिद्वार के नजदीक गांव में नाबालिग से बलात्कार के बाद जारी हुए फतवे के बाद ये बैन लगाया था.
हाईकोर्ट ने समाचार पत्र की रिपोर्ट पर ध्यान देने के बाद फतवा पर प्रतिबंध लगा दिया था. रिपोर्ट के अनुसार हरिद्वार में एक फतवा जारी किया गया था जिसमें 15 वर्षीय बलात्कार पीड़ित और उसके परिवार को गांव छोड़ने का आदेश दिया गया था. तब हाईकोर्ट ने कहा था कि सभी फतवे अवैध और असंवैधानिक हैं.
कोर्ट ने कहा था कि पंचायत ने बलात्कार पीड़ित के साथ सहानुभूति के बजाय, गांव से परिवार को बाहर निकालने की बात की. फतवा कुछ भी नहीं बल्कि अतिरिक्त संवैधानिक साहसवाद है, संविधान के तहत इसकी अनुमत नहीं है. वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन याचिकाकर्ता की तरफ से उपस्थित हुए. अदालत ने नोटिस जारी किया और उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई.