कोलकाता: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. सर्वोच्च न्यायालय ने पूछा है कि क्या 25 हजार सरकारी शिक्षकों की नियुक्तियों में से सही तरीके से किए गए अपॉइंटमेंट को अलग किया जा सकता है?
बता दें कि अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी. सोमवार को केस की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इसे देखिए किस तरह से किया गया है. OMR शीट को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है. वे लोग जो पैनल में नहीं थे, उन्हें भी रिक्रूट किया गया है. यह पूरी तरह से फ्रॉड है.
वहीं, सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा सभी नियुक्तियों को खारिज कर दिया गया है, जबकि सीबीआई जांच में अभी तक सिर्फ 8 हजार नियुक्तियों में ही खामियां प्राप्त हुईं हैं.
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल 2016 को हुई 25,753 सरकारी शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी को 12 प्रतिशत इंटरेस्ट के साथ लौटाने का निर्देश भी दिया था. कोर्ट ने सैलरी लौटाने के लिए 6 हफ्ते का वक्त दिया था.
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