लखनऊ : साल 2003 में जेलर को धमकाने के मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को बड़ी राहत मिल गई है. जहां उन्हें इस मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की इस सजा के फैसले को रोक दिया है. इलाहबाद हाई कोर्ट के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाने के साथ ही यूपी सरकार को भी नोटिस जारी किया है.
बीते दिनों इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले पर मुख्तार अंसारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व विधायक को ये राहत दी गई है. 19 साल पुराने मामले में अब उनकी सात साल की सजा पर रोक लगा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके अलावा इस मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है. यूजस्टिस बीआर गवई और विक्रम नाथ की पीठ ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है.
बता दें,साल 2003 में मुख्तार अंसारी को जेलर को धमकाने और रिवॉल्वर तानने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सजा सुनाई थी. मुख्तार अंसारी को इस मामले में सात साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद मुख्तार अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है. गौरतलब है कि निचली अदालत के फैसले के बाद ये मामला हाईकोर्ट पहुंचा था जिसके बाद फैसले को चुनौती देने मुख्तार अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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