सुप्रीम कोर्ट ने कूड़े में दबी दिल्ली और पानी में डूबी मुंबई की स्थिति को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और महाराष्ट्र की देवेंद्र फणड़वीस सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारें समय पर एक्शन नहीं लेती और जब अदालतें हस्तक्षेप करती हैं, तो जजों पर आरोप लगाया जाता है कि न्यायपालिका अतिसक्रियता दिखा रही है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर कई राज्य सरकारों को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और मुंबई सरकार को फटकार लगाते हुए कहा- दिल्ली में कूड़े के ढेर में दबी हुई है तो मुंबई बारिश के पानी में डूबती जा रही है. लेकिन, राज्य सरकारें कुछ भी नहीं कर रही हैं. कोर्ट ने कूड़ा प्रबंधन पॉलिसी को लेकर हलफनामा पेश न करने पर 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
दिल्ली व मुंबई के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ‘सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट रूल को लेकर बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, मेघालय, पंजाब, लक्षद्वीप और पुड्डुचेरी पर भी 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के कूड़े के ढेरो पर सख्ती से कोई एक्शन न लेने पर कहा कि लोग डेंगू, चिकनगुनिया, और मलेरिया से मर रहे हैं लेकिन कोई राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने बारिश के हाल से बेहाल मुंबई के लिए भी देवेंद्र फणड़वीस सरकार को भी सख्त टिप्पणी लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर साल मानसून में बारिश का यही हाल होता है. लेकिन राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारें समय पर एक्शन नहीं लेती और जब अदालतें हस्तक्षेप करती हैं, तो जजों पर आरोप लगाया जाता है कि न्यायपालिका अतिसक्रियता दिखा रही है. न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में क्या कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिकता पर बुधवार को भी सुनवाई, धारा 377 अपराध या नहीं, फैसला जल्द
धारा 377: समलैंगिकता पर बोले सुब्रमण्यम स्वामी- होमोसेक्सुअलिटी हिदुंत्व के खिलाफ, बीमारी है ये