Supreme Court Delhi Mumbai Rain Waterlogging Potholes: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और मुंबई में बारिश के दौरान सड़कों पर बसों के डूब जाने और लोगों के गड्ढों में गिरने पर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ये ना बताए कि प्रशासन क्या कर रहा है क्योंकि वो दिख रहा है. कोर्ट ने सरकारों के नकारेपन पर दार्शनिक अंदाज में ये भी कहा- ये देश में क्या हो रहा है, ये कैसी नींद में हैं.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 13 जुलाई को मॉनसून की पहली बारिश में ही सड़कों के पानी में डूब जाने और मुंबई में बारिश के दौरान गड्ढों में लोगों के गिरने पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि सरकार चलाने वाले सड़क पर निकलकर देखें कि जनता किस कदर परेशान है.
कोर्ट ने कहा- ये देश में क्या हो रहा है, ये कैसी नींद है, ये सब अचंभित करने वाला है. दिल्ली में बारिश के बाद सड़कों पर पानी के जमा होने की वजह से जाम की विकराल समस्या है. मुंबई में भी पानी से भड़ी सड़कों पर मेनहॉल और गड्ढ़ों में लोगों के गिरने की खबरें आम हैं.
जस्टिस बीएम लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने दिल्ली में सीलिंग और अवैध निर्माण मामले की सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि थोड़ी सी बारिश ने दिल्ली का नक्शा बदलकर रख दिया, अगर तेज बारिश हो गई तो राजधानी का क्या हाल होगा, ये कल्पना से परे है.
कोर्ट ने व्यंग्यात्मक लहजे में सरकार से कहा कि हमें ना बताएं कि प्रशासन क्या काम कर रहा है और किस तरह से काम कर रहा है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के दिल में बसे मिंटो रोड पर कुछ देर की बारिश में बस डूब गई, मुंबई में लोग सड़कों के गड्ढ़े में गिरकर मर रहे हैं.
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