नई दिल्लीः बिहार के मुजफ्फपुर शेल्टर होम मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर के प्रति कड़ा रवैया अपनाया. कोर्ट ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ब्रजेश ठाकुर की संपत्ति के जांच के आदेश दिए. कोर्ट ने कहा ठाकुर को मिले 4.5 करोड़ रुपये कहां गए, उन्हें किस काम के लिए इस्तेमाल किया गया. शीर्ष अदालत ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि चंद्रशेखर वर्मा और मंजू वर्मा के पास अवैध हथियार के मामले पर बिहार पुलिस गंभीरता से देखे.
कोर्ट ने कहा कि ब्रजेश ठाकुर और चंद्रशेखर वर्मा का आतंक इतना है कि रिपोर्ट के मुताबिक उनके खिलाफ कोई बोलने को तैयार नहीं है. इसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 20 मार्च, 2018 को जिन लड़कियों को वेलफेयर विभाग से शेल्टर होम में भेजा गया था, इस पर बिहार सरकार हलफनामा दायर करे. सुप्रीम कोर्ट आज मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर पर काफी सख्त दिखाई दिया. कोर्ट ने आयकर विभाग को बृजेश ठाकुर की संपत्ति के जांच के आदेश भी दिए.
साथ ही शीर्ष अदालत ने इस मामले पर पटना हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई मीडिया कवरेज पर रोक को भी हटा दिया. कोर्ट ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और एनबीए को नोटिस जारी कर ऐसे अपराधों में मीडिया रिपोर्टिंग के लिए गाइडलाइन बनाने में भी सहयोग मांगा. कोर्ट ने कहा कि ये तय है कि मीडिया रिपोर्टिंग पर ब्लैंकेट नहीं लगाया जा सकता लेकिन कोई रेखा या सीमा होनी चाहिए.
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