राजस्थान और मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई की जिसमें कहा गया है कि राजस्थान में 45 लाख और मध्य प्रदेश में वोटर लिस्ट में 60 लाख फर्जी मतदाता हैं. इस मामले पर कांग्रेस ने वोटर लिस्ट के रिवीजन के लिए याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा है कि उसने क्या कार्रवाई की है.
नई दिल्ली. मध्यप्रदेश और राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मुद्दे पर इसका रिवीजन कराए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. चुनाव आयोग ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के आरोप बेबुनियाद हैं कि हमने कुछ नहीं किया. चुनाव आयोग ने कहा कि जहां मतदाता सूची में कुछ गड़बड़ी थी वहां तुरंत करवाई की गई. EC ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट को फर्जी दस्तावेज दिए हैं.
मध्यप्रदेश और राजस्थान के आगामी विधान सभा चुनाव से संबंधित कांग्रेस की याचिका पर अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी. अगली सुनवाई पर चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट को बताएगा कि मध्यप्रदेश में फर्जी मतदाता सूची को लेकर उन्होंने क्या करवाई की है. आज की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जहां से मतदाता सूची का डेटा लिया है वो गलत है.
चुनाव आयोग ने कहा कि कोर्ट का फ़ैसला अपने पक्ष में रखने के लिए कोर्ट को गुमराह किया गया है और जानबूझ कर कोर्ट में गलत दस्तावेज दिए गए. चुनाव आयोग ने मांग की कि गलत डेटा और जानकारी देने के लिए याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता (कांग्रेस) से पूछा ये लिस्ट क्या है? इस सवाल पर याचिकाकर्ता ने कहा कि जो पब्लिक डोमेन में था हमने उसे कोर्ट के सामने पेश किया. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि चुनाव आयोग का कहना गलत है कि ये कोर्ट का फैसला अपने हक में करने के लिए किया गया है. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि हमने इसकी जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त को दी थी.
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