Amrapali Builders Home Buyers Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने 44 हजार फ्लैट खरीदारों का सपना फंसाए बैठी आम्रपाली बिल्डर्स से 2008 से कंपनी के खातों और पैसों का हिसाब-किताब कोर्ट में पेश करने कहा है. कोर्ट ने अगली तारीख पर कंपनी के चेयरमैन अनिल शर्मा समेत तमाम प्रोमोटरों को पेश होने का भी आदेश दिया है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने 44 हजार फ्लैट खरीदारों के घर के सपनों को पूरा करने के लिए आमप्राली बिल्डर्स से 2008 से अब तक कंपनी के बैंक खातों और पैसों का हिसाब-किताब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने आमप्राली बिल्डर्स के चैयरमैन अनिल शर्मा, डायरेक्टर अजय कुमार और शिवप्रिय को अगली तारीख पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की खंडपीठ के रुख से लगता है कि आम्रपाली के प्रोमोटरों पर कोर्ट सख्ती दिखाएगा और तीन दूसरे बिल्डरों की मदद से प्रोजेक्ट को पूरा करने की स्पष्ट समय सीमा मांगेगा और उस डेडलाइन पर लोगों को फ्लैट देने का गारंटी करने कहेगा. कोर्ट ने पहले ही आम्रपाली से एस्क्रो एकाउंट में 250 करोड़ रुपया जमा करने का आदेश दिया था.
कोर्ट के आदेश पर आम्रपाली बिल्डर्स अपने 12 अधूरे प्रोजेक्ट्स को गैलैक्सी बिल्डर्स, कनौजिया बिल्डर्स और आईआईएफएल कंपनी के साथ मिलकर पूरा करने की प्लानिंग में है. कोर्ट ने 6 महीने में काम शुरू करने और 48 महीने यानी चार साल में काम पूरा करके फ्लैट देने का आदेश दिया था.
कंपनी ने कोर्ट को बुधवार को बताया कि केंद्र सरकार उसके अधूरे और भावी प्रोजेक्ट को टेक-ओवर करना चाहती है जिसका प्रोपोजल कंपनी ने सरकार को दिया है. कंपनी ने बताया है कि इस प्रोपोजल पर शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उनकी मीटिंग भी हुई है जिसमें राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम यानी एनबीसीसी के चेयरमैन, नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ भी मौजूद थे.
Full List: आम्रपाली बिल्डर्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया किस प्रोजेक्ट में कब पूरे होंगे फ्लैट के काम
कंपनी के प्रोपोजल पर सरकार की तरफ से असिस्टैंट सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने कोर्ट से कहा कि वो ये साफ कर दे कि ये कोर्ट का आदेश नहीं बल्कि बिल्डर का खुद का प्रस्ताव है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से 2008 से लेकर अभी तक की वित्तीय जानकारी कोर्ट में दाखिल करने कहा और कंपनी के प्रोमोटरों को देश छोड़कर जाने से मना कर दिया.
आम्रपाली ग्रुप को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बैंक खरीदारों से नहीं, बिल्डर से वसूलें पैसा
वैसे कंपनी के तीनों प्रोमोटर अनिल शर्मा, अजय कुमार और शिवप्रिय ने अपना पासपोर्ट अगस्त, 2017 में ही गौमतबुद्ध नगर के डीएम दफ्तर में जमा करा दिया था. कोर्ट ने कंपनी के प्रोमोटरों को अगली तारीख पर कोर्ट में हाजिर रहने का आदेश दिया है.