नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सीलिंग से जुड़ी सुनवाई के दौरान उपराज्यपाल अनिल बैजल को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि मॉनिटरिंग कमिटी के गठन को 15 साल हो चुके हैं लेकिन कई इंडस्ट्रियल यूनिट अभी तक दिल्ली के रिहायशी क्षेत्रों में चल रही हैं. साथ ही कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले 48 घंटों की अग्रिम सूचना क्यों दी जाती है. इन निर्माणों के बिना किसी नोटिस के सील कर दिया जाना चाहिए.
कोर्ट ने बैजल को फटकारते हुए सीधे कहा कि अदालत को सुनिश्चित कराया जाए कि जहां भी रिहायशी क्षेत्रों में अवैध तरीके से इंडस्ट्रियल यूनिट चलाई जा रही हैं उन्हें 15 दिनों के भीतर सील किया जाए. बता दें कि इससे पहले 31 जनवरी को हुई सुनवाई के समय कोर्ट ने डीडीए और अन्य पार्टियों से दिल्ली का मास्टर प्लान देने के आदेश दिए थे. साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर मॉनिटरिंग कमेटी को खत्म कर दिया जाता है तो क्या निगम ऐसे केस में कार्रवाई नहीं कर सकता. बता दें कि इससे पहले 31 जनवरी को हुई सुनवाई के समय कोर्ट ने डीडीए और अन्य पार्टियों से दिल्ली का मास्टर प्लान देने के आदेश दिए थे. साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर मॉनिटरिंग कमेटी को खत्म कर दिया जाता है तो क्या निगम ऐसे केस में कार्रवाई नहीं कर सकता.
गौरतलब है कि कोर्ट ने पिछली सुनवाई के समय भी दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी. साथ ही दिल्ली सरकार और नगर निगम से कहा कि आप लोग दिल्ली में तबाही का इंतजार कर रहे हैं क्या.
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