नई दिल्लीः एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन) पर मचे घमासान के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हेजेला से पूछा आपको कोर्ट की अवमानना के लिए जेल क्यों ना भेजा जाए. कोर्ट ने हेजेला को कहा कि आपका काम केवल एनआरसी बनाना था ना कि प्रेस में जाना.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये सुनवाई स्वतः संज्ञान लेकर शुरू हुई थी. कोर्ट ने कहा कि हेजेला ने जो स्टेटमेंट दिया वो सही नहीं था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात को ध्यान रखते हुए कि एनआरसी पूरा करना है हेजेला और रजिस्टार भविष्य में सतर्क रहें और कोर्ट के आदेश के मुताबिक काम हो. बता दें कि प्रतीक हेजेला ने मीडिया से कहा था कि वैसे जिनका नाम एनआरसी में नहीं है उन्हें जेल या बाहर नहीं जाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जो 40 लाख लोग इस लिस्ट से बाहर हैं वे एक बार फिर दावा करते हुए आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने कहा था कि ये आवेदन 30 अगस्त से 29 सितंबर के बीच लिए जाएंगे. उसके बाद उन लोगों से मुलाकात की जाएगी जिससे कि वे लोग समिति के सामने अपने बात रख सकें.
जिसके बाद आखिरी में सूची पर फैसला कर एक बार फिर से लिस्ट तैयार की जाएगी. हेजेला ने कहा था कि उसके बाद भी लोगों के पास अधिकार रहेगा की वे दावा कर सकें. उन्होंने कहा कि फिलहाल इन लोगों के खिलाफ किसी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी. कोई भी इन लोगों से इनका अधिकार नहीं छीन सकता.
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NRC ड्राफ्ट के आधार पर सूची में नाम नहीं होने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो- सुप्रीम कोर्ट
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