सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि हम देश के सभी लोगों को शाकाहारी बनाने के लिए आदेश नहीं दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी मांस और चमड़े के निर्यात पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की. कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2019 में होगी.
नई दिल्ली: PIL पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कि वह सभी को शाकाहारी बनने का आदेश जारी नहीं कर सकता है. मीट और चमड़े के निर्यात पर बैन लगाने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान SCने कहा कि हम ऐसा कोई आदेश नहीं दे सकते कि हर व्यक्ति को शाकाहारी हो जाना चाहिए.
जस्टिस मदन बी. लोकुर ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा, ‘क्या आप यह चाहते हैं कि देश में हर व्यक्ति वेजिटेरियन हो जाए?’ कोर्ट ने मामले पर सुनवाई को फरवरी 2019 तक के लिए स्थगित कर दिया है.
गौरतलब है कि बुधवार को कई हिंदूवादी संगठनों ने नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानों पर बैन लगाने के लिए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया था. साथ ही कई हिंदूवादी संगठनों ने नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानें बंद न करने पर दुकानदारों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की चेतवानी भी दी थी.
"Do you want everybody in this country to be a vegetarian?” Justice Madan B Lokur asked. Matter adjourned for February 2019. https://t.co/xwxOegDj3L
— ANI (@ANI) October 12, 2018
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