आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट को लेकर चल रहे मामले में आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सरकारी संस्था नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) आम्रपाली के सारे प्रोजेक्ट को पूरा करेगा. हालांकि वह अपनी ओर से कोई वित्तीय सहायता नहीं देगा. कोर्ट ने कहा कि मामले में बड़ा फ्राड हुआ है. ऐसे में 100 लोगों को भी जेल भेजना पड़ा तो भेजेंगे
नई दिल्ली.आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट मामले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा है कि सरकारी संस्था नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) आम्रपाली के सारे प्रोजेक्ट को पूरा करेगा, लेकिन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए NBCC अपने तरफ से कोई भी वित्तीय सहायता नही करेगा. एनबीसीसी के तरफ से एएसजी पिंकी आंनद ने कहा- अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 8500 करोड़ फण्ड की जरूरत होगी. कोर्ट में NBCC चेयरमैन ने भी यही आंकड़ा बताया. जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ में मंगलवार को दोपहर दो बजे सुनवाई शुरू की.
कोर्ट ने आम्रपाली से पूछा- क्या आप इन प्रॉपर्टीज को NBCC को हैंडओवर कर सकते हैं ताकि NBCC उससे फण्ड इकट्ठा कर सके. कोर्ट ने NBCC से पूछा कि क्या आप आम्रपाली की इन प्रोपेर्टीज के बदले बैंक से फण्ड ले सकते हैं. इस पर एनबीसीसी के चेयरमैन ने कहा कि हम प्रयास कर सकते हैं, लेकिन मुश्किल है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में बड़ा फ्रॉड हुआ है, ऐसा रियल स्टेट में पहले नहीं दिखा है. कोर्ट हर पहलू को देख रहा है. अगर 100 लोगों को सजा होनी है तो वो भी होगी. हर दोषी को सजा मिलेगी कोई नहीं बचेगा. सभी डायरेक्टर के अकाउंट्स का फॉरेंसिक ऑडिट कराना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने फोरेंसिक ऑडिट का संकेत भी दिया. कोर्ट गुरुवार को तय करेगा कि फोरेंसिक ऑडिट होगा या नहीं.
बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने संकेत दिए थे कि अगर आदेशों पर अमल नहीं किया गया को आम्रपाली ग्रुप की कंपनियों का फारेंसिक ऑडिट किया जा सकता है. इसके अलावा आम्रपाली ग्रुप की प्रापर्टी के अलावा ग्रुप के डायरेक्टर्स की संपत्ति भी नीलाम की जा सकती है.
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