गौरक्षा के नाम पर हिंसा के मामले में आज सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गौरक्षा के नाम पर हिंसा नहीं होना चाहिए. इस प्रकार की घटनाओं को रोकना राज्य सरकार का दायित्व है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को देश भर में गौरक्षकों द्वारा हिंसा के मामले पर सुनवाई जारी है. मामले पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा ने कहा कि गौरक्षा के नाम पर हिंसा की वारदातें नहीं होनी चाहिए. चाहे कानून हो या नहीं, कोई भी ग्रुप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता. दीपक मिश्रा ने कहा कि ये राज्यों का दायित्व है कि वो इस तरह की वारदातें ना होने दें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो गोरक्षकों द्वारा हिंसा को रोकने के लिए कोर्ट विस्तृत आदेश जारी करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा की इस तरह की घटना किसी भी तरह से नही होनी चाहिए. वहीं सुनवाई के दौरान इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट को बताया कि अब तो असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ गया है. वो गाय से आगे बढ़कर बच्चा चोरी का आरोप लगाकर खुद ही कानून हाथ मे लेकर लोगों को मार रहे हैं. महाराष्ट्र में ऐसी घटनाएं हुई हैं.
याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने इन घटनाओं से निपटने और घटना होने के बाद अपनाए जाने वाले कदमों पर विस्तृत सुझाव कोर्ट के सामने रखी है. ये सुझाव मानव सुरक्षा कानून (मासुका) पर आधारित हैं. सुझावों में नोडल अधिकारी, हाइवे पेट्रोल, FIR, चार्जशीट और जांच अधिकारियों की नियुक्ति जैसे कदम शामिल हैं.