नई दिल्ली: टीएमसी के खिलाफ विज्ञापन मामले में भाजपा को शीर्ष अदालत से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की याचिका को सुनने से मना कर दिया। अदालत ने कहा कि पहली नजर में ही आपका विज्ञापन गलत है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने टीएमसी के खिलाफ बीजेपी के विज्ञापन पर रोक लगाई थी। […]
नई दिल्ली: टीएमसी के खिलाफ विज्ञापन मामले में भाजपा को शीर्ष अदालत से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की याचिका को सुनने से मना कर दिया। अदालत ने कहा कि पहली नजर में ही आपका विज्ञापन गलत है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने टीएमसी के खिलाफ बीजेपी के विज्ञापन पर रोक लगाई थी। जिसके बाद बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। अब यहां से भी भाजपा को झटका लगा है।
बीजेपी के सीनियर वकील पीएस पटवालिया ने कहा कि हमारा विज्ञापन सच्चाई पर आधारित हैं। इस बात पर जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि कृपया अपनी याचिका में संबंधित पन्नों को देखें। आप यहां विषयों को बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं। इसलिए हमारी हस्तक्षेप करने की कोई इच्छा नहीं हैं। पटवालिया ने कहा कि हमारी बात पर तो ध्यान ही नहीं दिया गया। मेरी दलील सुन लीजिए। इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि पहली नजर में ही आपका विज्ञापन अपमानजनक हैं।
अदालत ने कहा कि हम और दुश्मनी को बढ़ावा नहीं दे सकते। बेशक आप खुद इस चीज को बढ़ावा दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर उच्च न्यायालय आपकी बात सुन रहा है तो हमें इसमें क्यों हस्तक्षेप करना चाहिए। इसके जवाब में पटवालिया ने कहा कि ऐसे में अगले वोटिंग की तारीख एक जून तो चली जाएगी। इसलिए कृपया मेरी बात सुनें। जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि इस तरह के और विज्ञापन वोटरों को नहीं, बल्कि आपके राजनीतिक दल को ही फायदा पहुंचाएंगे। जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि कृपया यहां केस न आगे बढ़ाए। बेवजह के मामलों की जरूरत नहीं है। हम यह नहीं कह रहे कि चुनाव मत लड़ो। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी से कहा कि आपका प्रतिद्वंद्वी आपका दुश्मन नहीं है।
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