Advertisement

Joshimath: सुप्रीम कोर्ट का जोशीमठ पर तत्काल सुनवाई से इनकार, कहा- ‘हर मामला SC लाना जरूरी नहीं’

जोशीमठ। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आज स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा जोशीमठ पर दायर की गई याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। अब 16 जनवरी को इस मामले की सुनवाई होगी। याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले को हमारे पास लाने की जरूरत नहीं है। लोकतांत्रिक […]

Advertisement
Joshimath: सुप्रीम कोर्ट का जोशीमठ पर तत्काल सुनवाई से इनकार, कहा- ‘हर मामला SC लाना जरूरी नहीं’
  • January 10, 2023 1:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

जोशीमठ। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आज स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा जोशीमठ पर दायर की गई याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। अब 16 जनवरी को इस मामले की सुनवाई होगी। याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले को हमारे पास लाने की जरूरत नहीं है। लोकतांत्रिक संस्थाएं इस मामले को देख रही हैं।

गृह मंत्रालय की टीम करेगी दौरा

बता दें कि जोशीमठ मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा द्वारा आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया था कि गृह मंत्रालय की एक टीम के अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य स्थिति का आकलन करने के लिए जोशीमठ जाएंगे, इसके अलावा पीएमओ द्वारा भी एनडीएमए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञाानिक सर्वेक्षण के अलावा भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीमों को स्थिति का अध्ययन करने और मामले पर तुरंत अपनी सिफारिशें देने के निर्देश दिए है। इस दौरान जोशीमठ में दौरा कर भूस्खलन के दौरान हुए नुकसान का आंकड़ा भी ये टीम इकट्ठा करेगी।

तीन जोन में बांटा गया जोशीमठ

उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ को तीन जोन में बांटने का निर्णय किया है। ये जोन होंगे- डेंजर, बफर और सेफ जोन। जोन के आधार पर शहर के सभी मकानों को चिह्नित किया जाएगा। डेंजर जोन में ऐसे मकान होंगे जो काफी ज्यादा जर्जर हैं और रहने लायक नहीं हैं, जबकि सेफ जोन में ऐसे घर होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं और जिसके टूटने की आशंका बेहद कम है।वहीं, बफर जोन में वो मकान होंगे, जिनमें हल्की दरारें हैं, लेकिन दरारों के बढ़ने का खतरा है। बता दें कि एक्सपर्ट्स की एक टीम दरार वाले मकानों को गिराने की सिफारिश कर चुकी है।

दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!

India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार

Advertisement