नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर मंतर पर WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को अब तगड़ा झटका लगा है. दरअसल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आगे की सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. अदालत का कहना है कि कोर्ट में FIR दर्ज़ करने की मांग की […]
नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर मंतर पर WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को अब तगड़ा झटका लगा है. दरअसल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आगे की सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. अदालत का कहना है कि कोर्ट में FIR दर्ज़ करने की मांग की गई थी जिस मामले में अब तक दो FIR दर्ज़ की जा चुकी है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे की सुनवाई नहीं करेगी.
सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा है कि पहलवानों द्वारा दायर की गई याचिका का उद्देश्य FIR दर्ज़ करने को लेकर था जिसमें अब तक बृजभूषण के खिलाफ दो FIR दर्ज़ की जा चुकी हैं. अब यह मामला मजिस्ट्रेट के सामने है और कोई मसला हो तो दोनों पक्षों के पास हाई कोर्ट जाने की छूट है.भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 4 मई की सुनवाई के दौरान महिला पहलवानों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों पर भी जानकारी दी है. इसके अलावा कोर्ट ने आरोपी बृजभूषण सिंह को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करने को लेकर भी सवाल किया.
इसके अलावा सॉलिसिटर जनरल ने 3 मई की देर रात जंतर-मंतर पर पहलवानों के साथ हुई घटना पर स्पष्ट किया कि कुछ राजनीतिक पार्टी के लोग बेड लेकर गए थे इसलिए मौके पर धक्का-मुक्की हुई थी. किसी भी पुलिस कर्मचारी ने इस दौरान शराब नहीं पिया था. सभी की मेडिकल जांच की गई है जिसमें सभी पुलिस कर्मचारियों की रिपोर्ट नार्मल आई है. वहीं अब धरना स्थल पर पहलवानों को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाई गई है. उन्होंने आगे बताया है कि पहलवानों की सुरक्षा के लिए तीन असलहाधारी पुलिसमैन जंतर-मंतर पर तैनात हैं. आगे सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि FIR दर्ज़ करने के बाद मजिस्ट्रेट के सामने क्या आरोपी को पेश करने की कार्रवाई की गई? जिसके जवाब में मेहता ने कहा कि इस बारे में जांच चल रही है.
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