सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि यह नीतिगत मामला है और अदालत इसमें दखल नहीं दे सकती. कोर्ट नेे याचिकाकर्ता से कहा कि वह नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार के आगे ज्ञापन दे.
नई दिल्ली. गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजारने वालों को सरकारी नौकरी और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह पॉलिसी मामला है इसमें कोर्ट दखल नहीं दे सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सरकार को यह आदेश नहीं दे सकता कि वह गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजारने वालों को सरकारी नौकरी और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण देने पर विचार करे. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह केंद्र सरकार के सामने ज्ञापन दे.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि वह गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को सरकारी नौकरी और शैक्षिक संस्थानों में अलग वर्ग बनाकर आरक्षण दे. बता दें कि बुधवार (1 अगस्त) को बड़ी संख्या में मराठाओं ने मुंबई के आजाद मैदान में ‘जेल भरो’ आंदोलन के गिरफ्तारी दी थी.
मराठा समुदाय के लोगों ने नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. इसी के तहत ‘जेल भरो’ आंदोलन छेड़ा गया था. मराठा क्रांति मोर्चा के शहर संयोजक वीरेंद्र पवार ने कहा था कि मुंबई में प्रदर्शन सफल रहा. नासिक, परभणी, सोलापुर, कोल्हापुर समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन किए गए थे.
हजारों की संख्या में कार्यकर्ता आजाद मैदान की ओर गए, जहां इन लोगों ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर नारे लगाए थे.इनमें से कई लोगों ने बाद में गिरफ्तारी दी जिन्हें पुलिस वैन में यहां से ले जाया गया था. पवार ने कहा था कि अगस्त क्रांति दिवस (9 अगस्त) से मराठा समूह पूरे राज्य में जोरदार प्रदर्शन करेंगे. प्रदर्शनकारी मुंबई में एकत्र होंगे और मंत्रालय का घेराव करेंगे.