नई दिल्ली. राफेल डील पर लगातार विपक्ष के आरोपों का सामना कर रही केंद्र की मोदी सरकार के लिए राहत की खबर है. विपक्ष की तरफ से राफेल डील को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर SCने कहा कि सौदे पर कोई संदेह नहीं है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि सौदे की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि कीमत देखना कोर्ट का काम नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही सौदे को लेकर दायर की गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. आइए जानतें है राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें…
1. राफेल डील की जांच के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्णय सुनाया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि राफेल डील की जरूरत पर कोई विवाद नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में कई याचिकाएं अदालत में दायर की गई हैं लेकिन कोई वजह नजर नहीं आती कि इस डील में कानूनी तौर पर हस्तक्षेप किया जाए.
2. राफेल डील की जांच के संबंध में दायर याचिकाओं पर SC ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि इसके व्यवसायिक पक्ष में भी किसी तरह की गड़बड़ नहीं हुई है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि राफेल डील में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है.
3.SC ने कीमत के मुद्दे पर केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए आधिकारिक जवाब को रिकार्ड कर कहा कि कीमतों की तुलना करना न्यायालय का कार्य नहीं है कोर्ट ने कहा कि डील पर किसी भी तरह का कोई संदेह नहीं है, वायुसेना को इस प्रकार के विमानों की आवश्यकता है.
4. राफेल डील पर SC ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि उसे 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के NDA सरकार के निर्णय में कोई अनियमितता नहीं मिली है. साथ ही कोर्ट ने राफेल डील को लेकर दाखिल की गई सारी याचिकाएं खारिज कर दी हैं.
5. याचिकाकर्ताओं ने सौदे में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई को जांच के लिए FIR दर्ज करने के निर्देश देने की अपील की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
6.सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि लड़ाकू विमानों की आवश्यता है और देश लड़ाकू विमानों के बिना नहीं रह सकता है. चीफ जस्टिस ने कहा कि हम सरकार को 126 विमानों की खरीद के लिए विवश नहीं कर सकते हैं और कोर्ट के लिए यह सही नहीं होगा कि वह केस के हर पहलू की जांच करे.
7.इससे पहले CJI रंजन गोगोई की अगुआई वाली पीठ ने 14 नवंबर को मैराथन सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था. राफेल सौदे की SC की निगरानी में जांच की मांग को लेकर वकील एम. एल. शर्मा और विनीत ढांडा ने कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की थी.
8.राफेल डील पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सही नहीं है कि वह एक अपीलीय प्राधिकारी बने और सभी पहलुओं की जांच करे. कोर्ट ने सौदे में कंपनी के फायदे के आरोपों पर कहा कि हमें कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिससे लगे कि कोई कॉमर्शल पक्षपात हुआ हो.
9. सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सितंबर 2016 में जब राफेल डील को अंतिम रूप दिया गया था, उस समय किसी ने खरीदी पर सवाल नहीं उठाया था.
10.तीन याचिकाएं दायर होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने भी कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं.
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