Supreme Court Rafale Deal Hearing: सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील मामले पर सुनवाई पूरी हो गई. कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा है. इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और प्रशांत भूषण, एमएल शर्मा ने अपनी दलीलें पेश की. वहीं चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने भी केंद्र सरकार से काफी तीखे सवाल पूछे हैं.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील की पुनर्विचार याचिका पर चल रही सुनवाई पूरी हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा है. इससे पहले बहस की शुरुआत करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस केस में हलफनामा दायर किया है. विपक्ष के वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार ने एफिडेविट में यह नहीं बताया कि जिन्होंने दस्तावेज चोरी किए, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? क्या कोई एफआईआर दर्ज की गई या नहीं?
इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि आपने दस्तावेजों के विशेषाधिकार का दावा किया है, आप हमें संतुष्ट कीजिए. सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद अपने फैसले में सीक्रेट नोट को प्रिविलेज्ड कहा है. ये कागजात भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के तहत बिना सरकार की इजाजत के कोर्ट के सामने नहीं रखे जा सकते. इस पर कोर्ट ने कहा, आप किस प्रिविलेज्ड का दावा कर रहे हैं? आपने उन्हें खुद कोर्ट के सामने रखा है. इस पर वेणुगोपाल ने कहा कि दस्तावेजों को चुराए जाने के बाद कोर्ट में पेश किया गया.
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