सरकारी अफसरों को अपमानित न करें, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किसे दी चेतावनी?

नई दिल्ली। देशभर के न्यायालयों द्वारा सरकारी अफसरों की अदालत में पेशी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकारी अफसरों की कोर्ट में पेशी को लेकर एक गाइडलाइन तैयार की है, जिसके मुताबिक अदालतें सरकारी अफसरों का अपमान नहीं कर सकेंगी। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा […]

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सरकारी अफसरों को अपमानित न करें, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किसे दी चेतावनी?

Arpit Shukla

  • January 3, 2024 1:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली। देशभर के न्यायालयों द्वारा सरकारी अफसरों की अदालत में पेशी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकारी अफसरों की कोर्ट में पेशी को लेकर एक गाइडलाइन तैयार की है, जिसके मुताबिक अदालतें सरकारी अफसरों का अपमान नहीं कर सकेंगी। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​की शक्ति लागू नहीं की जा सकती है। ऐसे अधिकारियों को बुलाने के उच्च न्यायालय के ऐसे आदेशों की प्रक्रिया संविधान द्वारा परिकल्पित योजना के खिलाफ है।

सुप्रीम कोर्ट ने दी चेतावनी

सर्वोच्च न्यायालय ने सरकारी अधिकारियों को अदालतों के सामने पेश होने के लिए कैसे बुलाया जाना चाहिए, इस पर विस्तृत स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) तय किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों को आगाह किया कि वो सरकारी अधिकारियों को अपमानित न करें या उनकी पोशाक और दिखावे पर भी टिप्पणी न करें।

क्या है मामला?

मालूम हो कि 16 अगस्त को केंद्र सरकार ने सुझाव दिया था कि असाधारण मामलों में ही किसी अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए अदालत बुलाया जाना चाहिए। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश का पालन ना करने पर यूपी के दो IAS अधिकारी शाहिद मंजर अब्बास रिजवी और सरयू प्रसाद मिश्रा को हिरासत में लेने का आदेश देने से जुड़ा हुआ है। बता दें कि 20 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए दोनों अधिकारियों को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा सरकारी अफसरों की पेशी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में SOP यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर दाखिल कर विचार के लिए कुछ सुझाव दिए गए थे।

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