नई दिल्ली: आप नेता राघव चड्ढा(Raghav Chadha) के अनिश्चितकालीन निलंबन पर शुक्रवार 3 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने राघव को राज्यसभा के उपराष्ट्रपति और चेयरमैन जगदीप धनखड़ से माफी मांगने का आदेश दिया है। राघव चड्ढा ने इसके जवाब में कहा कि उन्होंने राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप […]
नई दिल्ली: आप नेता राघव चड्ढा(Raghav Chadha) के अनिश्चितकालीन निलंबन पर शुक्रवार 3 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने राघव को राज्यसभा के उपराष्ट्रपति और चेयरमैन जगदीप धनखड़ से माफी मांगने का आदेश दिया है। राघव चड्ढा ने इसके जवाब में कहा कि उन्होंने राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात के लिए अपॉइंटमेंट ले ली है।
3 अगस्त को राघव चड्डा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, ‘माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आज के आदेश के अनुसरण में, मैं राज्यसभा के सभापति से व्यक्तिगत तौर पर मिलने गया। मैंने राज्यसभा के सदस्य के रूप में अपने निलंबन के संबंध में शीघ्र बैठक के लिए माननीय सभापति से समय मांगा है।’
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से दिवाली की छुट्टियों के बाद इस मामले को लेकर आगे के घटनाक्रम के विषय में बताने को कहा है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राघव चड्ढा को इस मामले पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए राज्यसभा के सभापति से मिलना होगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति इस पूरे मामले पर सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाते हुए आगे कदम उठाएंगे।
5 सांसदों ने विशेषाधिकार के उल्लंघन को लेकर राघव(Raghav Chadha) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद 11 अगस्त को उन्हें राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। राघव पर दिल्ली सेवा विधेयक से जुड़े एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप है।
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बता दें कि आप नेता तब तक निलंबित रहेंगे, जब तक उनके खिलाफ मामले की जांच कर रही विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट नहीं सामने आ जाती।