नई दिल्लीः देश के अलग-अगल हिस्सों में गोरक्षा के नाम पर हुई मॉब लिंचिंग में कई लोगों के जानें जा चुकी हैं वहीं कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हुए है. जिसके चलते अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सख्ती दिखाई है. सोमवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा कि मॉब लिंचिंग के शिकार लोगों हुए लोगों को मुआवजा देने पर कदम उठाएं. कोर्ट ने सरकारों से कहा कि दो हफ्ते में इस तहर की घटनाओं को रोकने के लिए ब्रॉडकास्ट करें कि लिंचिंग से लोग भारी दिक्कत में फंसेंगे, इससे लिंचिंग को प्रिवेंशन को उच्च स्तर पर ले जाया जाएगा.
वहीं सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने बताया कि इस मामले में 54 पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है. यह भी बता दें कि दिल्ली समेत 8 राज्यों व यूनियन टेरिटरी ने मॉब लिंचिंग को लेकर हलफनामा दायर नहीं किया है. जिन राज्यों और यूटी ने हलफनामा दायर नहीं किया है उनमें दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, मिजोरम, दादर नगर हवेली, दमन दीव, नागालैंड और मणिपुर राज्यों UT’s शामिल हैं
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से कहा है कि संबंधित राज्यों और यूटी के मुख्य सचिव को कोर्ट के आदेश की कॉपी भेजें. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि एक चार्ट बनाएं कि किस राज्य में मुआवजे के लिए क्या स्कीम है. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट अब दो हफ्ते बाद करेगा.गौरतलब है कि देश में कई कारणों को लेकर मॉब लिंचिंग की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्ती दिखाई है.
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