सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों पर फिर शिकंजा कसा है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आम्रपाली ग्रुप से जुड़ी 9 जगहों को सील करने का आदेश दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के तीन निदेशकों को पुलिस कस्टडी में भेज दिया था.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आम्र पाली ग्रुप के निदेशकों पर शिकंजा कसा है. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा की पुलिस को आम्रपाली से जुड़े निदेशकों की 7 जगहों को सील करने का आदेश दिया है. इसके अलावा मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आम्रपाली के तीन डायरेक्टरों अनिल शर्मा, शिवप्रिय और अजय कुमार को पुलिस कस्टडी में भेजा दिया था.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस को राजगीर और बक्सर के ऑफिस को भी सील करने के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन 9 जगहों को सील करने के बाद चाबी सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परिस्थितियों के देखते हुए पुलिस को दस्तावेज जब्त करने का आदेश देने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है.
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के CMD और दोनों निदेशकों से लिखित अंडरटेकिंग ली कि खाते संबंधी कागजात इन जगहों को छोडकर कहीं और नहीं रखे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते कहा कि यदि अंडरटेकिंग सही नहीं पाई गई तो ये उल्लंघन का मामला होगा. इसके बाद खाते संबंधी कागजात के लिए सिर्फ फोरेंसिक ऑडिटर्स की टीम ही इन जगहों पर जा सकेगी. वहीं फ्लैट खरीददारों की तरफ से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जब तक पूरे दस्तावेज नही आ जाते तब तक आम्रपाली के डायरेक्टर्स पुलिस हिरासत में रहेंगे.
गौरतलब है कि आम्रपाली ग्रुप की 20 परियोजनाओं में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 45 हजार खरीददारों ने पैसा लगा रखा है लेकिन अब तक परियोजनाओँ के तहत बने इन फ्लैट्स में खरीददारों को कब्जा नहीं मिला है. ऐसे में कहा जा रहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का आम्रपाली ग्रुप पर 4 हजार करोड़ रुपये का बकाया चल रहा है. वहीं 90 से 95 प्रतिशत खरीददार फ्लैट्स के लिए पैसा जमा कर चुके हैं.