नई दिल्लीः भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद मामले की जांच के लिए एक निगरानी समिति नियुक्त की गई थी। इसी के साथ ही डब्ल्यूएफआई के द्वारा चलाई जा रही सारी रही गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित […]
नई दिल्लीः भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद मामले की जांच के लिए एक निगरानी समिति नियुक्त की गई थी। इसी के साथ ही डब्ल्यूएफआई के द्वारा चलाई जा रही सारी रही गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। पहले चुनाव 11 जुलाई को होने थे लेकिन गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने चुनाव पर रोक लगा दी थी। दरअसल असम कुश्ती संघ की चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार मांगने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद चुनाव पर रोक लगा दी थी। उच्चतम न्यायालय ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी, इसके बाद चुनाव का रास्ता साफ हो गया।
दरअसल असम कुश्ती संघ ने बताया था की वह मतदान के अधिकार के साथ डब्ल्यूएफआई का संबद्ध सदस्य बनने का हकदार है। असम कुश्ती संघ ने दावा किया था लेकिन 15 नवंबर 2014 को इसकी कार्यकारी समिति की सिफारिश के बावजूद डब्ल्यूएफआई ने इसे मान्यता देने से इनकार कर दिया गया था। निलंबित किए जाने से पहले डब्ल्यूएफआई ने चुनाव की तारीख सात मई तय की थी
पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप है की उन्होंने महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न किया है।विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित छह पहलवान उनके खिलाफ जंतर – मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नही दिया था। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था।खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था।