Supreme Court on Upper Caste Quota: गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर नहीं लगेगी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते में मांगा नरेंद्र मोदी सरकार से जवाब
Supreme Court on Upper Caste Quota: गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर नहीं लगेगी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते में मांगा नरेंद्र मोदी सरकार से जवाब
Supreme Court on Upper Caste Quota: सुप्रीम कोर्ट ने गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के खिलाफ दर्ज याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस आरक्षण पर रोक नहीं लगेगी. इसके अलावा इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते में नरेंद्र मोदी सरकार से जवाब भी मांगा है.
January 25, 2019 11:16 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago
नई दिल्ली. आज सुप्रीम कोर्ट सामान्य वर्ग को आरक्षण के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने पर रोक नहीं लगेगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते में नरेंद्र मोदी सरकार से इस मामले में जवाब भी मांगा है. सीजीआई रंजन गोगोई की पीठ ने इस पर सुनवाई की. उन्होंने कहा कि इस मामले में हम अभी जांच करेंगे.
Supreme Court also refuses to stay implementation of 10 per cent reservation to the economically weaker section of general category. A bench of CJI Ranjan Gogoi says “we will examine the issue.” https://t.co/nLEnpg2CyG
आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सामान्य वर्ग के गरीबी लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को नोटिस जारी किया. ये नोटिस सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक सुधार को चुनौती देने वाली याचिका पर जारी किया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जनरल कैटिगरी के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है. उन्होंने सामान्य वर्ग को दिए जा रहे आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि मामले की जांच की जाएगी. बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐलान किया था कि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट में गिरफ्तारी के प्रवाधान को जोड़ने वाले संवैधानिक सुधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी कहा. उन्होंने कहा कि एससी/एसटी एक्ट में गिरफ्तारी के प्रवाधान को जोड़ने वाले संवैधानिक सुधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए पीठ बनाने पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा.