Supreme Court on Muslim Women Entering Mosque: सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश और पूजा करने की मांग की याचिका पर केंद्र और अन्य से मांगा जवाब, दिया नोटिस

Supreme Court on Muslim Women Entering Mosque: सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश और पूजा करने की मांग की याचिका पर केंद्र और अन्य से मांगा जवाब और नोटिस भेजा. सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है, जो मस्जिद में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश पर रोक को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए है. सीजेआई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्र से जवाब मांगा और इस मामले को 5 नवंबर तक के लिए टाल दिया.

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Supreme Court on Muslim Women Entering Mosque: सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश और पूजा करने की मांग की याचिका पर केंद्र और अन्य से मांगा जवाब, दिया नोटिस

Aanchal Pandey

  • October 25, 2019 12:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश की सभी मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश की मांग वाली जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा. सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है, जो मस्जिद में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश पर रोक को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए है. सीजेआई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्र से जवाब मांगा और इस मामले को 5 नवंबर तक के लिए टाल दिया.

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एसए बोबडे और एसए नजेर की पीठ ने मस्जिदों में औरतें के प्रवेश की मांग की याचिका पर केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामलों को नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को प्रार्थना पत्र दायर करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया है. याचिका में प्रार्थना की गई है कि मुस्लिम महिलाओं को मस्जिदों में प्रवेश करने और मस्जिदों के अंदर किसी भी लिंग अलगाव के बिना मस्जिदों में प्रार्थना करने की अनुमति दी जाए. महिलाओं ने मांग की है कि उन्हें भी मस्जिद के अंदर प्रवेश करने और वहां नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए. मुस्लिम रितियों के अनुसार महिलाओं के ऐसा करने पर प्रतिबंध है.

महिला यासमीन ज़ुबेर अहमद पीरज़ादे द्वारा वक़्फ़ बोर्ड जैसे सरकारी अधिकारियों और मुस्लिम निकायों को निर्देश जारी करने के लिए याचिका दायर की गई थी ताकि महिलाओं को मस्जिदों में इस आधार पर अनुमति दी जा सके कि इनकार ने विभिन्न मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है. याचिका ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, सेंट्रल वक्फ काउंसिल को इस आशय का निर्देश देती है. महाराष्ट्र की दो महिलाए यासमिज़ जुबेर अहमद पीरज़ादे और जुबेर अहमद पीरज़ादे ने सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रेरणा लेकर ये याचिका दाखिल की है.

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