Supreme Court on Kashmiri Students: पुलवामा हमले के बाद अन्य राज्यों में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं. कई कश्मीरी छात्रों के साथ अन्य राज्यों में मार-पीट की खबरें आई हैं. सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दर्ज की गई. इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से जवाब मांगा है. केंद्र को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में नोटिस जारी किया है.
नई दिल्ली. पुलवामा हमले के बाद कई राज्यों में कश्मीरी छात्रों पर हमले किए गए. कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा पर खड़े हो रहे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दर्ज की गई. इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से जवाब मांगा है. केंद्र को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में नोटिस जारी किया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीरी छात्रों पर कथित हमले के मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई की.
कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. इसमें उन्होंने भीड़ हिंसा में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कश्मीरी छात्रों के संबंध में भी लागू करने की मांग की थी. तहसीन पूनावाला ने अपनी अर्जी में कहा है कि कश्मीरी छात्रों को भीड़ हिंसा से बचाया जाए. कश्मीरी छात्रों पर कथित हमले के मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने सुनवाई की.
Supreme Court issues notice to the Central government and 10 states and seeks their response on a plea seeking its intervention to prevent alleged attacks on Kashmiri students in the aftermath of the Pulwama terror attack. pic.twitter.com/FCkbOiIKWg
— ANI (@ANI) February 22, 2019
उन्होंने कहा कि हमें लिचिंग की तरह कोर्ट से आदेश चाहिए. पंजाब और महाराष्ट्र में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं.अदालत में बताया गया कि छात्रों की मदद के लिए नोडल अफसर नियुक्त हो चुके हैं. उनके नाम और नंबर दिए जा चुके हैं और- एडवायजरी जारी की जा चुकी है. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि केंद्र की लिस्ट के मुताबिक नोडल अफसर कश्मीरी व अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा व भेदभाव की घटनाओं को रोकेंगे. नोडल अफसरों के बारे में एमएचए पब्लिसिटी करेगी ताकि किसी भी तरह के हमले, सामाजिक बहिष्कारऔर खतरे से बचाव किया जा सके.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यें के चीफ सेकेट्री और डीजीपी, कश्मीरियों के खिलाफ हुए किसी भी हमले व सामाजिक बहिष्कार के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड, हरियाणा, यूपी, बिहार, मेघालय, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, पंजाब और महाराष्ट्र को नोटिस जारी किया है. केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी करके इस पर जवाब मांगा है.